मेरठ: मेरठ में मेडिकल छात्रा को मुस्लिम दोस्त संग गिरफ्तार कर पीटने के मामले में पुलिसकर्मियों पर यूपी पुलिस के मुखिया मेहरबान दिखे हैं. तीनों पुलिसवालों को उत्तर-प्रदेश के वीवीआईपी जोन में नई पोस्टिंग मिली है. मामले के आरोपी दो पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर भेजा गया है जबकि तीसरी आरोपी महिला सिपाही को प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में पोस्टिंग मिली है.

मेडीकल छात्रा के साथ डाय़ल-100 की गाड़ी में थाने ले जाते वक्त पुलिसवालों द्वारा मारपीट, बदसलूकी और गालियां देते हुए वीडियो बनाया गया था. पुलिसवालों ने घटना के तीसरे दिन यह वीडियो वायरल कर दिय़ा. एसएसपी ने इस मामले में तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पैंड कर दिया था और उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई किये जाने की संस्तुति शासन से की थी.

मगर सरकार ने तीनों पुलिसवालों का निलंबन कायम रखते हुए ट्रांसफर कर दिया है. आरोपी महिला सिपाही प्रियंका को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी भेजा गया है जबकि नीटू और सलेकचंद नाम के दोनो सिपाहियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में पोस्टिंग मिली है.

इस मामले में तीनों पुलिसवालों के खिलाफ मारपीट, बदसलूकी समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया जाना चाहिए था. मगर अफसरों ने मामला शासन को संदर्भित करने के बाद केस को दबा दिया और कार्रवाई नहीं की. एसएसपी अखिलेश कुमार ने वीडिया वायरल होने के बाद कहा था कि आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कराई गयी है. जांच पूरी होने पर कार्रवाई होगी. मगर एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी न तो जांच पूरी हुई और न आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.

हापुड़ निवासी एक युवती मेडिकल कालेज में चिकित्सा विज्ञान की छात्रा है. उसका एक मुस्लिम सहपाठी मेडीकल कालेज के सामने जागृति बिहार का निवासी है. दोनो 23 सितंबर को जागृति बिहार में अपने आवास पर थे तभी वहां पहुंचे विहिप कार्यकर्ताओं ने घर में घुसकर दोनो की पिटाई की और छात्रा के साथ छेड़छाड़ भी की.

मौके पर पहुंची पुलिस ने विहिप कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के बजाय दोनों को ही हिरासत में ले लिया और शाम तक थाने बिठाये रही. थाने ले जाते समय छात्रा के साथ पुलिसवालों ने मारपीट, बदसलूकी की जबकि मुस्लिम छात्र पर लव जेहाद का आरोप लगाकर जागृति बिहार में पुलिस के सामने ही मारपीट की गयी थी.