मेरठः सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण का असर जिले में हर जगह देखा गया. सुबह दस बजे के बाद दोपहर तक सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए और आसमान में काले बादल छाए रहे. इस दौरान जहां मंदिरों के कपाट बंद रहे. वहीं, मस्जिदों में मुस्लिमों ने अल्लाह से तौबा मांगते हुए नमाज-ए-कसूफ अदा की गई.


दरअसल, रविवार कि सुबह दस बजे से सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण शुरू हुआ. धरती और सूरज के बीच में चांद की दखलअंदाजी के बाद आसमान पर काले बादल छाने लगे. जिसके बाद सूर्य ग्रहण को देखने के लिए जिले के लोगों ने अलग-अलग तरीके आजमाए. किसी ने छत पर बर्तन में पानी भरकर सूर्य ग्रहण का नजारा देखा तो किसी ने सड़क पर खड़े होकर एक्स-रे फिल्म के जरिए इस अभूतपूर्व दृश्य को निहारा.


कुछ लोगों ने इसे साइंस से जुड़ी घटना बताया तो कुछ धार्मिक आस्था से जुड़ा बताकर पूजा-पाठ में भी जुटे रहे. जमीअत-उल-हिंद के सदस्यों और शहर काजी ने मस्जिद में नफील की नमाज अदा की. शहर काजी जैनुल राशिद्दीन ने बताया कि जब-जब चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण होता था तब हुजूर-ए-पाक इबादत में मशगूल हो जाते थे. उस समय कहर से बचने के लिए जो नमाज अदा की जाती थी उसे नमाज-ए-कसूफ कहते हैं. इसीलिए आज भी नमाज-ए-कसूफ अदा करते हुए महामारी कोरोना के खात्मे और देश में अमन-ओ-अमान की दुआ मांगी गई है.


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