मेरठ: मेरठ पुलिस पर एक बड़ा आरोप लगा है. एक व्यापारी के मुताबिक एक महीने तक पुलिस ने उसके घर हुई चोरी का मामला दर्ज नहीं किया. उसका दावा है कि दो बार उसने तहरीर दी लेकिन पुलिस ने उसे मुंह बंद रखने को कहा. उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने लाखों की चोरी में से एक मोबाइल ही वापस किया.


आरोपों के मुताबिक 10 अक्टूबर को सूरजकुंड के रामबाग कालोनी निवासी दूध कारोबारी मुनेन्द्र गिरी के घर में लाखों रूपये की चोरी हुई. 3 मोबाइल फोन, गहने और नकदी को चोर घर से चुराकर ले गये. कारोबारी ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को 15 दिन में दो बार केस दर्ज करने के लिए लिखित शिकायत दी.

एसएसपी अखिलेश कुमार के हाथों गठित रिकवरी सेल में थाना पुलिस ने मुनेन्द्र गिरी की शिकायत भेज दी. आरोप है कि सेल ने एक मोबाइल को ट्रेस करके चोर से फोन बरामद किया और चोर को बिना कार्रवाई के छोड़ दिया. व्यापारी ने पुलिस पर आरोप लगाए कि पुलिस ने केस दर्ज करके इतनी बड़ी वारदात का खुलासा करने के बजाय बरामद फोन दिया और आगे की कार्रवाई के सवाल पर जुबान बंद करने की हिदायत दे डाली.



एक महीने बाद तक केस दर्ज न होने पर व्यापारी ने इलाके के बीजेपी नेता और प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई से कार्रवाई के लिए गुहार लगाई. लक्ष्मीकांत वाजपेई सिविल लाइन थाना पहुंचे तो विवेचनाधिकारी दारोगा ने उनके सामने ही व्यापारी से कुछ कह दिया. दारोगा का व्यवहार देखकर वाजपेई ने उसका विरोध किया और केस दर्ज किये जाने की मांग की. इसके बाद वाजपेई अपने समर्थकों के साथ थाने में ही धरने पर बैठ गये.

बात एसएसपी तक पहुंची तो मौके पर सीओ सिविल लाइन को भेजा गया और मामले में एसएसपी ने केस दर्ज करने के आदेश दिये. करीब डेढ़ घंटे के धरना औऱ हंगामे के बाद पुलिस ने व्यापारी की लिखित शिकायत तलाशकर केस दर्ज कराया. सीओ सिविल लाइन रामअर्ज का कहना है कि इस मामले में किस स्तर से लापरवाही रही, इसकी जांच की जायेगी. फिलहाल केस दर्ज कर लिया गया है. चोरी की वारदात का पुलिस जल्द खुलासा करेगी.

बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई ने बताया कि चोरी की रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय चोर से पैसे लेकर उसे छोड़ने का यह मामला है. बेहद गंभीर है और समझा जा सकता है कि पुलिस अफसर कैसे रिकवरी सेल की आड़ में क्राइम कंट्रोल और भ्रष्टाचार का खेल खेल रहे है. पुलिस का व्यवहार थानों में लगातार खराब हो रहा है. इस मामले की शिकायत शासन को भेज रहा हूं. थाना पुलिस और जिले के अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए जो अपना काम ठीक से नही कर रहे हैं.