मेरठ: मेरठ पुलिस लाइन में बीती रात श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर बड़े जश्न का इंतजाम था. कन्हैया के जन्म के वक्त सरकारी राइफलों से सल्की फायर करने की परंपरा रही है. लेकिन यहां पुलिस की राइफलें ही दगाबाज निकली और फायर होने के बजाय कारतूस नाल में फंसकर रह गये. जन्माष्टमी के उत्सव में मौजूद सैकड़ो लोग और जोन के अफसरों के सामने पुलिस हंसी का पात्र बनकर शर्मसार हुई.
बड़े त्यौहार पर भी पुलिस की तैयारियों ने दिया धोखा
पुलिस विभाग में कर्मयोगी भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव मनाने की परंपरा पुरानी है. इस उत्सव में जिला पुलिस के बड़े अफसरों समेत प्रशासन के अफसर और बड़ी तादाद में पुलिस और समाज के लोग भी शामिल होते है. उत्सव के कार्यक्रम शानदार होते है इसलिए दर्शकों की तादाद भी खूब रहती है. मेरठ पुलिस लाइन में ऐसी ही बड़ी भीड़ के सामने पुलिस हंसी का पात्र बनकर रह गई. रात को 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के वक्त आधा दर्जन पुलिसवालों को सरकारी राइफलों के साथ सल्की फायर करने के लिए कतार से खड़ा किया गया था. लेकिन कमांड के बाबजूद सभी पुलिसवालों की राइफलों से फायर नहीं हो सकी. कमांड बार-बार हुई और फिर पुलिसवालों ने कोशिश भी बार-बार की. मगर एकाध की राइफल से फायर हुआ, बाकी पुलिसवाले ठगे से रह गये. किसी की राइफल में कारतूस फंस गया तो किसी के ट्रिगर दबाने के बाबजूद फायर ही नहीं हुआ.
बदमाशों के एनकाउंटर में इस्तेमाल होती है यह विधा
सल्की फायर दरअसल अंधेरी रात में होने वाले पुलिस एनकाउन्टर्स के दौरान काम आता है. राइफल में एक विशेष प्रकार का कारतूस लोड किया जाता है. जिसे फायर करने पर तेज आवाज के साथ थोड़ी देर के लिए उजाला होता है. ऐसे में बदमाशों की लोकेशन जानने के लिए सल्की फायर बेहद उपयोगी विधा है. लेकिन पुलिस लाइन में जब राइफलों से बार-बार कोशिशों के बाबजूद फायर नहीं हुआ तो वहां मौजूद लोग पुलिस का उपहास करते नजर आये. कुछ लोगों ने सवाल भी खड़े किये कि जब पहले से तय कार्यक्रम में फायर नहीं हुआ तो एनकाउंटर में कैसे होता होगा. पुलिसवाले कभी आसमान ताकते तो कभी राइफल को खोलकर कारतूस चेक करते नजर आये.
आला पुलिस अफसरों के सामने उड़ी हंसी
जिस वक्त पुलिस लाइन में सल्की फायर किये गये, वहां मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, आईजी रेंज रामकुमार, एसएसपी अखिलेश कुमार समेत पुलिस के बड़े अफसर मौजूद थे. अफसरों ने पुलिस की इस विधा के प्रदर्शन के लिए प्रतिसार निरीक्षक को खास आदेश दिये थे, लेकिन ऐन वक्त पर राइफलें दगा दे गई. ऐसे वक्त में आला अफसरों को भी शर्मसार होना पड़ा.