मेरठ: मरने वाले कभी लौटकर नहीं आते, लेकिन मेरठ पुलिस की पुकार पर 15 साल पहले मर चुके शख्स ने आंखें खोली और एक अपराधिक मुकदमें में अपना भी बयान दर्ज कराया. पुलिस की इस कारगुजारी की शिकायत पुलिस के आला अफसरों से हुई तो जांच शुरू कर दी गयी. मेरठ के किठौर थाने के सब इंस्पेक्टर ने जानलेवा हमले के एक मामले में 15 साल पहले मर चुके व्यक्ति को वारदात का चश्मदीद बना डाला.


जानलेवा हमले के मामले में 15 साल पहले मर चुके शख्स को बनाया घटना का चश्मदीद

मेरठ के किठौर की नई बस्ती के फरमान ने 12 जुलाई 2018 को जानलेवा हमले का एक केस थाना किठौर में दर्ज कराया था. फरमान ने इस केस में चार नामजद और 4 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाते हुए तहरीर में लिखा कि उनको जान से मारने की नीयत से हमला किया गया जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई. थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर विमल कुमार को इस मामले की जांच सौंपी गयी थी. विमल कुमार ने मामले की तफ्तीश में न तो मौके पर मुआयना किया और न चश्मदीदों से बात की. मामला तब खुला जब विमल कुमार ने महफूज नाम के एक शख्स के बयान केस डायरी में दर्ज कर लिये जो 15 साल पहले मर चुका है.


दारोगा ने लिखी केस डायरी में फर्जी स्क्रिप्ट


केस डायरी में विमल कुमार ने चश्मदीद महफूज के बयान दर्ज किये हैं उसकी 15 साल पहले मौत हो चुकी है. मगर केस डायरी में चश्मदीद के बयान की स्क्रिप्ट कुछ इस तरह लिखी है कि जैसे चश्मदीद ने दारोगा के सामने बैठकर कोई आंखों-देखी घटना सुनाई हो. महफूज की ओर से दर्ज बयान में लिखा गया है- "वारदात के समय मैं अपने घर में बैठा खाना खा रहा था, तभी अचानक शोर की आवाज सुनकर बाहर आया तो देखा कि फरमान को नामजद आरोपी और उनके साथी लाठी-डंडो से मार रहे हैं. उसने मदद के लिए आसपास के लोगों को आवाज लगानी शुरू की और खुद भी हमलावरों से पीड़ित को बख्शने की गुहार लगाई".


सीओ को दी मामले की जांच, होगी कार्रवाई


इस मामले में आरोपी बनाये गये लोग राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश सचिव मतलूब गौड़ को लेकर एसपी देहात राजेश कुमार से मिले और उन्हें पूरा मामला बताया. राजेश कुमार ने मामले की जांच सीओ को सौंपी गई है. एसपी देहात राजेश कुमार ने बताया कि मामला गंभीर है और किसी भी सूरत में आरोपी को बख्शा नहीं जायेगा. सीओ की जांच रिपोर्ट आने के बाद विवेचनाधिकारी दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.