मेरठ: शुगरमिल पर सहकारी समिति के भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले किसानों को धरना-प्रदर्शन और जाम लगाना महंगा पड़ा है. पुलिस ने आंदोलन का नेतृत्व करने वाले भाकियू और सपा नेता समेत 350 किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. केस दर्ज होने से आक्रोशित किसानों ने दौराला में महापंचायत का आयोजन किया और मुकदमें का विरोध करते हुए गन्ने की होली जलाई.
दौराला के दादरी इंटर कॉलेज में आयोजित हुई महापंचायत में रविवार को हजारों किसान और किसानों की आवाज बुलंद करने वाले नेता इकठ्ठे हुए. आक्रोशित किसानों ने गन्ने के गठ्ठर कंधे पर लेकर जुलूस निकाला और हाइवे पर ही गन्ने की होली जलाई. महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता नबाब सिंह अहलावत और सपा नेता अतुल प्रधान भी पहुंचे. पुलिस ने इन्हीं नेताओं के साथ किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
महापंचायत में सपा नेता अतुल प्रधान ने कहा कि पूर्व की सरकारों में किसान इतना परेशान ही था, जितना आज है. बीजेपी सरकार ने किसानों के हितों से खिलवाड़ किया है. विज्ञापनों के माध्यम से सरकार प्रोपेगंडा कराती है लेकिन न तो किसानों की 14 दिन में गन्ना भुगतान होता है और न ही बकाया भुगतान पर सरकार उनकी फरियाद सुनती है. किसानों पर जो मुकदमा पुलिस ने दर्ज किया है यह सरकार की मानसिकता का परिचायक है.
किसानों ने पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर केस में गिरफ्तारी के नाम पर किसी नेता या किसानों के घरों में दबिशें दी गई तो पुलिस नतीजा भुगतने को तैयार रहे. आर-पार की लड़ाई होगी और किसान सड़कों पर उतरेगा. किसान मुकदमें के विरोध में सामूहिक गिरफ्तारियां देगें और पदयात्रा भी निकालेगें.
26 नवम्बर को किसानों ने दौराला की सकौती शुगरमिल पर हंगामा किया और तालाबंदी कर दी थी. किसानों ने करीब 3 घंटे तक हाइवे भी जाम किया था. किसानों का आरोप था कि सहकारी समिति ने किसानों की गन्ना पर्चियां रोक रखी है. किसान छोटा हो या बड़ा, पर्चियां नेताओं की सिफारिश से जारी की जा रही है जिससे किसान का कटा हुआ गन्ना खेतों में सड़ रहा है. किसानों के इस आंदोलन के बाद दौराला पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया था.