भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की अचानक हुई मुलाकात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. दोनों नेताओं के बीच सोमवार की रात को बंद कमरे में करीब 45 मिनट बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने इसे कर्टसी मीटिंग करार दिया. सिंधिया सोमवार की रात को दिल्ली से भोपाल पहुंचे थे. उसके बाद अचानक पूर्व मुख्यमंत्री चौहान के आवास पर पहुंच गए.
मीटिंग के बाद सिंधिया ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, "हम दोनों के बीच कोई मनमुटाव नहीं है, कोई कड़वाहट नहीं है, मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं, जो चुनाव के समय की कड़वाहट को लेकर पूरी जिंदगी बिताऊं. जैसा कहा जाता है कि रात गई बात गई. इसलिए आगे की सोचना होगा."
सिंधिया ने आगे कहा, "मध्य प्रदेश का भविष्य संवारना है, उज्जवल करना है, इसलिए हमें सबको साथ लेकर चलना है, खासकर कांग्रेस की जिम्मेदारी बनती है क्योंकि यह सत्ता में है. चुनाव मैदान में कशमकश होती है, मगर चुनाव के बाद सबको मिलकर साथ काम करना चाहिए."
सिंधिया ने चौहान के साथ हुई बातचीत को अच्छा बताते हुए कहा कि वे हमारे राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं उनसे मिलने आया था, बहुत सारी बातें हुई. सिंधिया से सवाल किया गया कि क्या विपक्ष का कांग्रेस को साथ मिलेगा तो उन्होंने कहा कि, विपक्ष को हमेशा अच्छी चीजों का साथ देना चाहिए और कमियों को उजागर करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश के प्रजातंत्र में विपक्ष की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है जितनी सत्ता पक्ष की होती है. केंद्र में कांग्रेस का महत्वूपर्ण योगदान है, अपेक्षा है कि इसी तरह का राज्य में बीजेपी का रहेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने भी इस मुलाकात को कर्टसी मीटिंग करार दिया. इससे पहले चौहान का मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर जाना और सिंधिया व कमलनाथ द्वारा चौहान का गर्मजोशी से स्वागत खासा चर्चाओं में रहा था.
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