लखनऊः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन' को लोकसभा चुनाव से पहले धरातल पर उतारने के लिए यूपी सरकार सक्रिय हो गई है. इस प्रोजेक्ट को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंगलवार को एक बैठक हुई, जिसमें वंचित एवं गरीब वर्ग के परिवारों को इस योजना से जोड़ने का खाका तैयार किया गया.


उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय ने कहा कि समाज के वंचित एवं गरीब वर्ग के परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सालयों को सूचीबद्ध कराने की कार्यवाही पूरी कर राज्य एवं जनपद स्तर पर समिति द्वारा प्राथमिकता से नियमानुसार सुनिश्चित कराई जाए.


मुख्य सचिव ने यह निर्देश मंगलवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लगभग 1.18 करोड़ परिवारों यानी लगभग 6 करोड़ व्यक्तियों को सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में भर्ती कराकर 5 लाख रुपये तक की सेकेंडरी, टर्शियरी एवं गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराया जाएगा.


डॉ. पांडेय ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को अनुबंधित चिकित्सालयों में बिना किसी असुविधा के नि:शुल्क चिकित्सा उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने में आवश्यक सहायता के लिए 'आयुष्मान मित्र' की तैनाती भी पारदर्शिता के साथ की जाएगी.


उन्होंने कहा कि 'आयुष्मान मित्र' द्वारा अनुबंधित चिकित्सालयों में योजना के लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने, आवश्यक पैकेज का प्री-ऑर्थराइजेशन प्राप्त करने और लाभार्थियों को चिकित्सालयों में भर्ती कराने के बाद योजना के मानक के अनुसार, सुविधाएं प्रदान करने में सहायता करेंगे.


बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने बताया कि 'आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन' के अंतर्गत 'आयुष्मान मित्र' के चयन के लिए मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री, हिंदी-अंग्रेजी और स्थानीय भाषा का अच्छा ज्ञान होने के साथ-साथ कम्प्यूटर और इंटरनेट पोर्टल पर कार्य करने में दक्ष होना आवश्यक है.


उन्होंने बताया कि 'आयुष्मान मित्र' के चयन में योग्य आशा कार्यकत्री एवं महिला अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी. उन्होंने बताया कि चयनित 'आयुष्मान मित्रों' को प्रतिमाह 5 हजार रुपये मानदेय के अतिरिक्त प्रति लाभार्थी 50 रुपये का प्रोत्साहन राशि का भुगतान संबंधित चिकित्सालय के रोगी कल्याण समिति की निधि से किया जाएगा.