लखनऊ: पश्चिमी यूपी के अमरोहा जिले के मेहंदीपुर गांव में सीएम योगी आदित्यनाथ ने रात गुजारने, चौपाल करने और दलित प्रधान के घर खाना खाने का फैसला किया तो इस गांव की सूरत ही बदल दी गई. इस गांव में सड़क बन गई, नाले साफ हो गए, हैंडपंप की मरम्मत हो गई. यहां तक की बिजली के नए कनेक्शन भी लग गए और दिन में ही स्ट्रीट लाइट जला दी गई. गांव के अस्पताल, स्कूल और थाने सब को रंग दिया गया. गांव के चौक पर लगी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को एहतियातन नीला और बुद्ध की मूर्ति को केसरिया कर दिया गया है.



गाय को शैम्पू से नहलाया गया


चौदह सौ लोगों की आबादी वाले इस मेहंदीपुर गांव में करीब एक हजार की संख्या दलितों की है. इस गांव की प्रधान प्रियंका भी दलित हैं, जिनके घर योगी आदित्यनाथ आज भोजन करेंगे. लौकी, तोरई की सब्ज़ी, दाल, चावल, रोटी और सलाद का इंतज़ाम है. लहसुन और प्याज के इस्तेमाल से परहेज रखा गया है. घर की छप्पर के नीचे की तरफ़ पोलीथीन की सीट लगाई गयी है. यहां के आंगन की गाय को दो दिन से शैम्पू से नहलाया गया है.



योगी का दलित प्रेम


लखनऊ और गोरखपुर में जनता दरबार लगाने वाले योगी आदित्यनाथ अब ख़ुद जनता के दरबार में शामिल होने पहुंच रहे हैं. वे चौपाल लगा रहे हैं और दलितों के घर भोजन भी कर रहे हैं. उनके इस दलित प्रेम को विपक्ष निशाने पर ले रहा है. लेकिन इस तरह के सहभोज की परम्परा योगी आदित्यनाथ के गुरु ने वाराणसी में महादलित परिवार के साथ भोजन करके शुरू की थी. सीएम योगी की चौपाल में शामिल होने आए लोगों का कहना है कि काश सरकार मेरे गांव भी आ जाते और हम लोगों के भी भाग्य जग जाते.