सुल्तानपुर: केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुसलमानों से वोट मांगने संबंधी टिप्पणी पर बुधवार को स्पष्ट किया कि उनकी बात को गलत ढंग से पेश किया गया. व्यस्त चुनाव प्रचार के दौरान मेनका ने कहा, 'मेरे मन में तो कुछ भी नहीं है ... लेकिन जब मैं काम करती हूं सबके लिए, और फिर अंत में जाकर वोटिंग के दिन जब लोगों का कहना होता है कि नहीं, हम आपको वोट नहीं देंगे क्योंकि हम कमल के फूल को वोट नहीं देंगे तो मुझे बहुत दुख होता है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी टिप्पणी को गलत ढंग से पेश किया गया, उन्होंने कहा, 'बिल्कुल संदर्भ से हटकर पेश किया गया.'
इस बारे में पूछे जाने पर कि उनकी विवादास्पद टिप्पणी वाला एक वीडियो आया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि जो वोट नहीं देगा, उसका काम नहीं करूंगी, उन्होंने कहा, 'वो मैंने बिल्कुल नहीं कहा था. मैंने कहा था, मैं जहां भी गयी हूं जिन्दगी में ... मैंने हर जाति और कौम को एक समझा और पीलीभीत में मेरे पांच चेयरमैन अखलियत के हैं. मेरे साथ रहने वाले निजी सलाहकार भी सब जाति अखलियतों के हैं.'
उन्होंने कहा, '... क्योंकि जब पांच साल बीत गये हैं, उसमें तो हम समझते ही नहीं हैं कि हम अलग हैं, मैं अलग हूं, वो अलग हैं. मैंने कहा कि जब इस तरीके से बात हो रही है तो हम भी सोचते हैं कि काम करते वक्त तो सबके लिए करती हूं. तब तो किसी ने नहीं सोचा था कमल के फूल के बारे में....'
इस बार चुनाव में क्या मुद्दे हैं, इस सवाल पर उन्होंने, 'वही जो हमेशा रहते हैं ... विकास.' उन्होंने कहा कि विकास एक सतत प्रक्रिया है, नदी जैसे बहती है. अगर दस सड़कें बनी हैं तो दस और की जरूरत है. अगर कोई एक चीज बनी है तो एक और चीज की जरूरत है.
मेनका ने कहा कि यह प्रक्रिया कहीं रुकती नहीं है. यह पूछे जाने पर कि पीलीभीत की जगह इस बार सुल्तानपुर आने की क्या वजह है, उन्होंने कहा कि पार्टी ने फैसला किया है.