नई दिल्ली: देश में बंदूक रखने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. यूपी में 12.77 लाख लोगों के पास हथियार रखने का लाइसेंस है और यह राज्य बंदूकों के लाइसेंसों वाले प्रांतों की सूची में सबसे ऊपर है. दूसरे स्थान पर आतंकवाद प्रभावित राज्य जम्मू कश्मीर है, जहां 3.69 लाख लोगों के पास बंदूक रखने का लाइसेंस है.

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2016 की स्थिति के मुताबिक, देश में बंदूकों के जारी लाइसेंस की संख्या 33 लाख 69 हजार 444 है.

बंदूक रखने के सर्वाधिक लाइसेंस उत्तर प्रदेश में है जहां पर 12 लाख 77 हजार 914 लोग हथियार रख सकते हैं. ज्यादातर लोगों ने निजी सुरक्षा के नाम पर लाइसेंस लिए हैं. साल 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 है.

मंत्रालय ने बताया कि करीब तीन दशक से आतंकवाद से पीड़ित जम्मू कश्मीर में 3 लाख 69 हजार 191 लोगों के पास बंदूक के लाइसेंस हैं. इसमें प्रतिबंधित बोर और गैर प्रतिबंधित बोर, दोनों ही तरह के हथियार शामिल हैं. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, प्रांत की कुल आबादी 1 करोड़ 25 लाख 41 हजार 302 है.

साल 1980 और 90 के दशक में आतंकवाद से पीड़ित रहे पंजाब में बंदूक के लाइसेंस की संख्या 3 लाख 59 हजार 349 है. इनमें से ज्यादातर लाइसेंस राज्य में आतंकवाद के दो दशकों के दौरान जारी किये गये थे. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, पंजाब की कुल आबादी 2 करोड़ 77 लाख 43 हजार 338 है.

इसमें बताया गया है कि इसके बाद मध्य प्रदेश में 2 लाख 47 हजार 130 और हरियाणा में 1 लाख 41 हजार 926 लोगों के पास बंदूक रखने का लाइसेंस है.

अन्य राज्यों में राजस्थान में (1,33,968 लाइसेंस), कर्नाटक (1,13,631), महाराष्ट्र (84,050), बिहार (82,585), हिमाचल प्रदेश (77,069), उत्तराखंड (64,770), गुजरात (60,784) और पश्चिम बंगाल (60,525) हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में लाइसेंसशुदा बंदूकधारियों की संख्या 38,754 है जबकि नगालैंड में 36,606, अरूणाचल प्रदेश में 34,394, मणिपुर में 26,836, तमिलनाडु में 22,532 और ओडिशा में 20,588 लाइसेंस जारी किये गये हैं.

मंत्रालय के मुताबिक, सबसे कम लाइसेंस केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव और दादरा और नागर हवेली में जारी किये गये. इन प्रदेशों में केवल 125-125 लाइसेंस जारी किए गए.