मुंबईः मुंबई से पलायन करके वापस अपने गृह राज्य लौटने वाले मजदूर फिर एक बार मुंबई आने लगे हैं. मजदूरों के पलायन की वजह से मुंबई में कई सारे इंफ्रास्ट्रक्चर के काम अटक गये थे, लेकिन अब फिर एक बार वे रफ्तार पकड़ रहे हैं. सरकार उम्मीद कर रही है कि मजदूरों के वापस लौटने से एक बार फिर अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटेगी.


इंसान एक जगह से दूसरी जगह अपना घर छोड़कर क्यों जाता है? जाहिर है कि वो अच्छी जिंदगी और रोजगार चाहता है. मुंबई में भी इसी उम्मीद में बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से मजदूर आकर काम कर रहे थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर ये मजदूर अपने गृहराज्य लौट गए. कोई पैदल निकल गया, कोई साइकिल पर, कोई ट्रकों में लदकर तो कोई सरकार की ओर से चलाई गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये चला गया. अब उन मजदूरों ने वापस आना शुरू कर दिया है.


मुंबई से सटे मुंब्रा में सेंट्रल रेलवे की पांचवीं और छठवीं लाईन बिछाने का काम फिर एक बार शुरू हो गया है. पिछले चंद दिनों से ये काम अटका हुआ था. ठेकेदार का कहना है कि प्रोजेक्ट के लिये काम कर रहे कई सारे मजदूर रातोंरात वापस अपने गृहराज्य के लिये निकल गये थे. अब करीब 6 मजदूर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और बागपत से वापस मुंबई लौट आये हैं और प्रोजेक्ट पर इन्होंने काम करना शुरू कर दिया है.


गृहराज्य में मजदूरों के लिए खड़ी हुईं रोजगार की समस्या 
इन मजदूरों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान वे परेशान हो गये थे इसलिए वापस अपने गृहराज्य निकल गये लेकिन गृहराज्य में इनके सामने रोजगार की समस्या खडी हो गई. आय का कोई जरिया नहीं मिल रहा था इसलिए ये वापस मुंबई लौट आये.


अब से महीने भर पहले ही मुंबई से बड़े पैमाने पर मजदूरों के पलायन की तस्वीरें आ रहीं थीं. लॉकडाउन कब तक चलेगा? रोजगार मिलेगा कि नहीं? सरकार या गैर सरकारी संस्थाएं कब तक खाना देती रहेंगीं? इन जैसे सवालों ने मजदूरों को आशंकित कर दिया था. कई मजदूर महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर बढ़ रहे कोरोना के मामलों से भी डरे हुए थे. इन तमाम कारणों से कई मजदूर अपने परिवार सहित वापस अपने गृहराज्य लौट गये.


रेलवे स्टेशनों पर लौटते मजदूरों को देखा जा सकता है 
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने कई मजदूरों को वापस उनके गृहराज्य पहुंचाया लेकिन उनके शुरू होने से पहले ही कई मजदूर पैदल हजारों किलोमीटर का फासला तय करने के लिए निकल पड़े थे. उनमें से कइयों की अलग-अलग हादसों में मौत भी हुई. एक अनुमान के मुताबिक महाराष्ट्र भर से करीब 35 लाख मजदूरों ने पलायन किया. अब रेलवे स्टेशनों पर इन मजदूरों को वापस लौटते देखा जा सकता है.


महाराष्ट्र सरकार वापस लौटने वाले मजदूरों की जानकारी दर्ज कर रही है. राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख के मुताबिक, अब तक राज्य में रोजाना 15 हजार मजदूर वापस लौट रहे हैं, जिनमें से 11 हजार मजदूर अकेले मुंबई में लौटे हैं. इन मजदूरों के वापस लौटने से सरकार को उम्मीद है कि लॉकडाउन के दौरान चरमरा गई अर्थव्यवस्था फिर एक बार पटरी पर आ पाएगी.


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