कैसे रुकेगी बीमारी: मजदूरों का पलायन जारी, ग्रीन ज़ोन में शामिल जिलों में बढ़े पॉजिटीव केस
अन्य जिलों में फंसे मजदूर अपने जिलों में आ रहे हैं। लेकिन इन प्रवासी मजदूरों से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ये बेरोकटोक आ रहे हैं। इनका स्वास्थय परीक्षण तक नहीं किया जा रहा है
कानपुर, प्रभात अवस्थी। देश में लॉकडाउन के बीच सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिये स्पेशल ट्रेन, बस की व्यवस्था की. लेकिन मजदूर अभी भी अन्य अवैध माध्यमों के जरिये अन्य राज्यों से आ रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच ये घातक हो सकता है. एबीपी गंगा ने आज इसकी पड़ताल की और जो तस्वीर सामने आयी है, वो चौका देगी.
दरअसल रामादेवी हाइवे से लखनऊ और प्रयागराज के लिए हाइवे जाते हैं. यही वजह है कि यहां पर अपने अपने जिलों को जाने के लिये मजदूर खड़े हुए देखे गये. ये मजदूर बिना जांच के अपने गांव जा रहे हैं, जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. पलायन के चलते ग्रीन ज़ोन में शामिल जिलों में भी सक्रमण फैलने लगा है. कानपुर के आस पास के जिलों की बात करे तो कन्नौज में अब जो भी मामले सामने आ रहे हैं, वो प्रवासी मजदूरों के हैं. कानपुर देहात के सभी संक्रमित प्रवासी मजदूर हैं, जो बाहर से आये हैं. यही नहीं फतेहपुर में भी प्रवासी मजदूर संक्रमित सामने आए हैं.
कानपुर से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई क्योंकि यहां पर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने अपने घरों की ओर आ रहे हैं. सवाल ये उठता है कि हाइवे पर पुलिस कर्मी खुद ट्रकों को रोक कर मजदूरों को बैठाने का काम कर रहे हैं. यही नही यहां पर स्वास्थ्य विभाग का कोई भी व्यक्ति मौजद नहीं है, जो इनकी स्क्रीनिंग करे या जांच करे. ऐसे में ये पुलिसकर्मी बिना जांच के बिना डेटा एंट्री के इन मजदूरों को ट्रक में बैठा कर भेजने का काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि यूपी के सभी 75 जिलों में कोरोना पहुंच चुका है. बीते 24 घंटों में यूपी में एक दिन में 116 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. जबकि 92 डिस्चार्ज हुए हैं. यूपी में अब तक कुल 3758 कोरोना पॉज़िटिव केस मिलें हैं. इनमें 1707 एक्टिव केस हैं जबकि 1965 संक्रमण मुक्त के बाद डिस्चार्ज हुए हैं. वहीं प्रदेश में अब तक 86 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. आगरा में सर्वाधिक 791 कोरोना पॉजिटिव मामले हैं.