लॉकडाउन के चलते आगरा में फंसे जम्मू-कश्मीर के नागरिक, जानें- कैसे संभव हुई घर वापसी
उत्तर प्रदेश के आगरा में फंसे जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी शुरू हो गई है. घर वापसी का रास्ता साफ होने के बाद राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है.
आगरा, नितिन उपाध्याय। लॉकडाउन के चलते ताजनगरी में फंसे जम्मू-कश्मीर के मजदूरों और छात्र-छात्राओं के लिए राहत भरी खबर है. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को घर पहुंचाने का रास्ता साफ हो गया है. जम्मू-कश्मीर के 1116 लोगों को उनके घरों तक सकुशल पहुंचाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. जम्मू-कश्मीर भेजने की अनुमति मिलने के बाद पुलिस ने बसों के जरिए मजदूरों को पूरी पाबंदियों और सुरक्षा के साथ भेजना शुरू कर दिया है। यहां से रवाना हुआ पहला जत्था मंगलवार की शाम जम्मू-कश्मीर की सीमा में प्रवेश कर गया था.
गौरतलब है कि, काफी संख्या में आगरा और आसपास के जिलों में जम्मू-कश्मीर के श्रमिक काम करते हैं. काफी संख्या में श्रमिक आगरा के शीत गृहों और खंदौली क्षेत्र के खेतों में आलू खुदाई के कार्य में लगे थे. इसके अलावा काफी युवा यहां के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं. अचानक लॉकडाउन होने से ये सभी फंस गए थे. जम्मू-कश्मीर के लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलते ही राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने शासन स्तर पर उनकी समस्या उठाई. इसके बाद इन लोगों को घर भेजने के प्रयास शुरू हुए.
बता दें कि खंदौली क्षेत्र के शीत गृह संचालकों ने मुख्यात सिंह, डूंगर सिंह, कृष्णगोपाल आदि के नेतृत्व में राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह के समक्ष यह समस्या उठाई थी. उन्हें बताया था कि यहां ठहरे हुए श्रमिक परेशान हैं. इस पर राज्यमंत्री उदयभान सिंह ने जिला उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) के राम नगर विधानसभा क्षेत्र के निवर्तमान विधायक रणवीर सिंह पठानिया से संपर्क करके उन्हें बताया कि आगरा में फंसे हुए जम्मू-कश्मीर के लोगों की स्थिति खराब है और उन्हें घर लौटने के लिए मदद की जरूरत है. पठानिया और उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री उदयभान सिंह के प्रयासों से घर वापसी का रास्ता साफ हो सका.
जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव और नोडल अधिकारी शालीन काबरा ने आगरा में फंसे प्रवासी कश्मीरियों को भेजने के लिए उत्तर प्रदेश शासन से पत्र व्यवहार किया. इस मामले में जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच सहमति बन गई. जम्मू-कश्मीर के प्रवासियों का पहला जत्था रवाना हुआ तो उसमें शामिल लोग राज्यमंत्री, स्थानीय प्रशासन और सहयोग करने वाले अन्य लोगों का आभार व्यक्त कर रहे थे.
पूर्व विधायक और शीत गृह संचालक मुख्तार सिंह, डूंगर सिंह ने बताया कि शीत गृहों में कुल 540 श्रमिक रह रहे थे. वे सभी घर जाने के लिए परेशान थे. चौधरी उदयभान सिंह के प्रयास के बाद सभी के आधार कार्ड और फोन नंबर संकलित कराए गए. इसके बाद 15 बसों का इंतजाम करके उन्हें भेज दिया गया. अन्य क्षेत्रों से भी जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके घरों में भेजा गया है. जम्मू-कश्मीर के मजदूरों और छात्र-छात्राओं की घर वापसी का रास्ता साफ होने के बाद राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है.