लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होने के 72 घंटे के भीतर सरकारी और निजी परिसरों से लगभग 16 . 94 लाख दीवारों पर लिखी प्रचार सामग्री, पोस्टर और बैनर हटाये गये हैं.


सरकारी कैंपस से हटाए गए 11, 34, 538 पोस्टर और बैनर


प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी वेंकटेश ने कहा, ‘‘प्रदेश की सरकारी एवं निजी संपत्तियों, परिसरों से लगभग 16 . 94 लाख दीवारों पर लिखी प्रचार सामग्री, पोस्टर और बैनर हटाये गये. इनमें से सरकारी परिसरों पर लिखे तथा लगे 11 लाख 34 हजार 538 पोस्टर और बैनर हटाये गये.’’ उन्होंने बताया कि निजी संपत्तियों एवं परिसरों से पांच लाख 59 हजार 526 दीवारों पर लिखे विज्ञापन (वाल राइटिंग), पोस्टर और बैनर हटाये गये.


मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश की सरकारी संपत्तियों और परिसरों से 93 हजार 176 दीवारों पर लिखे विज्ञापन हटाये गये. इस प्रकार पांच लाख सात हजार 891 पोस्टर और दो लाख 59 हजार 490 बैनर तथा दो लाख 73 हजार 981 अन्य प्रचार सामग्री हटायी गयी.


उन्होंने बताया कि सभी जिलों की निजी परिसंपत्तियों से दीवारों पर लिखे 73 हजार 487 दीवारों पर लिखे विज्ञापन को हटाया गया. इसी प्रकार दो लाख 26 हजार 878 पोस्टर, एक लाख आठ हजार 983 बैनर तथा एक लाख 50 हजार 178 अन्य प्रचार सामग्री हटायी गयी.


फिरोजाबाद में सबसे अधिक 94 हजार 900 विज्ञापन


वेंकटेश ने बताया कि सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में सरकारी परिसंपत्तियों से एक लाख 10 हजार 347 प्रचार सामग्रियों को हटाया. इसके अलावा जौनपुर में 90 हजार 324, फिरोजाबाद में 74 हजार 366, कानपुर में 57 हजार 488, बदायूं में 41 हजार 369 और इलाहाबाद में 33 हजार 928 विज्ञापन हटाये गये. उन्होंने बताया कि निजी परिसंपत्तियों में फिरोजाबाद में सबसे अधिक 94 हजार 900 तथा जौनपुर में 67 हजार 223 विज्ञापन हटाये गये.


चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर यूपी सरकार ने बनाई स्क्रीनिंग कमेटी


चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘स्क्रीनिंग कमेटी’ का गठन कर दिया है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2017 तथा विधान परिषद के द्विवाषिर्क निर्वाचन के संबंध में आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रभावी होने के दृष्टिगत ऐसे अति महत्वपूर्ण मामले जिनके विषय में कार्यवाही हेतु चुनाव आचार संहिता के प्रभावी रहने की अवधि तक प्रतीक्षा किया जाना संभव ना हो, के संबंध में विचार एवं परीक्षण हेतु स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर दी है.’’


विज्ञप्ति में बताया गया कि कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे. संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव एवं सचिव सदस्य तथा कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग के प्रमुख सचिव संयोजक सदस्य होंगे. इसमें कहा गया कि राज्य सरकार ने इस संबंध में सभी प्रमुख सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि ऐसे महत्वपूर्ण मामले, जिनमें कार्यवाही हेतु निर्वाचन आयोग का अनुमोदन प्राप्त किया जाना आवश्यक हो, उन्हें सीधे आयोग को प्रेषित नहीं किया जाएगा बल्कि शासन के संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव और सचिव के संज्ञान में लाया जाएगा.


विज्ञप्ति में बताया गया कि संबंधित प्रशासकीय विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा महत्वपूर्ण प्रस्ताव कमेटी के संयोजक सदस्य को प्रस्तुत किये जाएंगे. स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा प्रस्तावों के परीक्षण के बाद औचित्यपूर्ण पाये जाने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्रेषित किया जाएगा.