नई दिल्ली: प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में वापसी के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 58 मंत्रियों ने शपथ ली है. प्रधानमंत्री की इस कैबिनेट में नए और पुराने मंत्रियों का संगम है. मंत्रिमंडल में कुल 24 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 24 राज्य मंत्री शामिल हैं.


मोदी कैबिनेट में उत्तर प्रदेश से भी 9 चेहरे शामिल किए गए हैं. इसमें कैबिनेट मंत्री के रूप में राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, महेंद्रनाथ पांडेय ने शपथ ली. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में संतोष गंगवार और राज्य मंत्री के रूप में वीके सिंह, साध्वी निरंजन ज्योति, संजीव बालियान ने शपथ ली.


राजनाथ सिंह
लखनऊ लोकसभा सीट से गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गठबंधन की तरफ से लड़ रहीं सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा को करीब तीन लाख 40 हजार वोटों से हराया.आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सिंह ने सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा को तीन लाख 47 हजार 302 वोटों से शिकस्त दी.


राजनाथ को कुल छह लाख 33 हजार 26 वोट मिले जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वद्वी पूनम सिन्हा को दो लाख 85 हजार 724 वोट मिले . कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद कृष्णम को महज एक लाख 80 हजार 11 वोटो से संतोष करना पड़ा.


साध्वी निरंजन ज्योति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में साध्वी निरंजन ज्योति दूसरी बार उत्तर प्रदेश के फतेहपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुई हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में साध्वी ने 2014 चुनाव के मुकाबले अधिक मतों से जीत हासिल की है. मोदी की पहली सरकार में साध्वी निरंजन ज्योति केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री थीं.


दिसंबर 2014 में साध्वी निरंजन ज्योति ने कथित रूप से कुछ सांप्रदायिक टिप्पणियां करके विवाद खड़ा कर दिया था. उन्होंने एक चुनावी रैली में विवादास्पद टिप्पणी की थी जिससे भाजपा सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी. इससे आक्रोशित विपक्ष ने उन्हें पद से हटाए जाने की मांग की थी.


जनरल वी के सिंह
जनरल वी के सिंह के बारे में एक कहावत सच साबित होती है कि ‘‘एक फौजी, हमेशा फौजी ही रहता है.’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट में शामिल किए गए जनरल सिंह ने अपने जुझारू तेवरों का बखूबी परिचय दिया है. गुरूवार को उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की.


राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की पहली पारी में विदेश राज्य मंत्री के रूप में सिंह ने युद्धग्रस्त यमन में साल 2015 में चलाए गए ‘‘आपरेशन राहत’’ में चुनौतीपूर्ण अभियान की कमान संभाली ।इस अभियान के दौरान यमन से 4800 भारतीयों और अन्य देशों के 1972 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था.


संजीव बालियान
भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चेहरे और पेशे से किसान डॉक्टर संजीव बालियान को गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार में दूसरी बार केंद्रीय मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है. बालियान ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.


2014 में बालियान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में राज्यमंत्री के तौर पर कृषि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, जल संसाधन, नदी विकास जैसे विभागों का जिम्मा संभाला. वह एक सितंबर 2017 से गृह मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति के सदस्य भी रहे.


संतोष गंगवार
अपनी सादगी और ईमानदारी के लिये मशहूर संतोष कुमार गंगवार रूहेलखंड इलाके की बरेली लोकसभा सीट से आठ बार चुनाव जीत चुके हैं और वह पिछली नरेन्द्र मोदी सरकार और उससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं.


लगातार छह बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले गंगवार देश में आपातकाल के दौरान सरकार विरोधी आंदोलन को लेकर जेल भी जा चुके हैं. वह 1996 में उत्तर प्रदेश भाजपा इकाई के महासचिव बनाए गए. इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश में पार्टी इकाई के कार्य समिति के सदस्य भी रह चुके हैं. गंगवार 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2014 में जीत चुके हैं और एक बार फिर 2019 में उन्होंने आठवीं बार विजय हासिल की.


स्मृति ईरानी


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके संसदीय क्षेत्र में हराने वाली स्मृति ईरानी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में वापसी की. अभिनेत्री से नेता बनी ईरानी मोदी सरकार के अधिक दिखने वाले चेहरों में से एक रही हैं और उन्हें अक्सर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दृष्टिकोण को साफगोई से रखने के लिए कहा जाता है.


पांच साल पहले अमेठी से चुनाव हारने के बावजूद, उन्होंने वहां के मतदाताओं के साथ संपर्क में रहकर उनका विश्वास जीता.


महेंद्र नाथ पांडेय
यूपी में पार्टी को नई धार देने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पांडेय को मोदी कैबिनेट में शामिल कर लिया गया है. महेंद्र नाथ की अगुवाई में राज्य की 64 सीटों पर बीजेपी और सहयोगी दलों की शानदार जीत हासिल की. महेंद्र नाथ पांडेय उस समय यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने, जब उसे यूपी में संजीवनी की जरूरत थी. प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के बाद ही उन्होंने ऐसा काम किया जिसने सुस्त पड़ी पार्टी में नई जान डाल दी. यूपी भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को उन्होंने ऐसा गुरु मंत्र दिया कि 2017 के विधानसभा चुनाव मैं उन्होंने अहम भूमिका निभाते हुए भाजपा को बड़ी सफलता दिलाई.


हरदीप पुरी
मोदी सरकार में एक बार फिर हरदीप पुरी जगह मिली है. पुरी पंजाब की अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव हार गए हैं. अभी फिलहाल वो राज्यसभा सांसद हैं. हरदीप पुरी पूर्व नौकरशाह हैं और विदेश मामलों के अच्छे जानकार हैं.