मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही प्राइवेट स्कूलों पर लगाम कसने की बात कर रही हो लेकिन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. मुरादाबाद के गलशहीद थाना इलाके के गांधी नगर पब्लिक स्कूल में आज उस वक़्त हंगामा खड़ा हो गया जब एक दर्जन बच्चों को फीस न जमा होने पर स्कूल प्रशासन ने न सिर्फ परीक्षा देने से रोक दिया बल्कि आरोप है कि बच्चों को कुछ देर के लिए एक कमरे में बैठा दिया गया था. सूचना मिलने पर अभिभावक स्कूल पहुंचे और पुलिस को मौके पर बुला लिया.


पहले तो स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों और पुलिस से नोक झोंक की लेकिन बाद में अंदर आने दिया. अभिभावकों को देख कर बच्चे रोने लगे और उन्होंने पुलिस को आप बीती सुनाई. गांधी नगर पब्लिक स्कूल सीबीएससी बोर्ड से सम्बंधित है. पिछले दिनों दिल्ली के स्कूल में इसी तरह की घटना होने के बावजूद प्राइवेट स्कूल सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं और लगातार अपनी मनमानी कर रहे हैं. मुरादाबाद के जिला विधालय निरीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और स्कूल से जवाब-तलब किया है.



स्कूल प्रशासन से नाराज़ अभिभावकों ने किया हंगामा

शहर की पॉश कॉलोनी हरपाल नगर स्थित गांधीनगर पब्लिक स्कूल में फ़ीस जमा न होने की वजह से आज सुबह कक्षा 10 और 11 के एक दर्जन छात्र-छात्राओं को मासिक टेस्ट देने से रोक दिया गया. इन सभी छात्र छात्राओं को अलग-अलग कमरे में बैठा दिया गया और परिजनों को सूचित कर दिया गया. जब सभी बच्चों के परिजन स्कूल पहुंचे तो बच्चों ने परिजनों के सामने रोना शुरू कर दिया और बताया कि दो घंटे से कमरे में बैठा कर रखा गया है. टेस्ट नहीं देने दिया गया. जिसको लेकर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया और डायल 100 पर बच्चों को बंधक बनाने की सूचना दी. यही नहीं स्कूल प्रबंधन अपनी गलती मानने के बजाय अभिभावकों से ही भिड़ गया, जिस पर पुलिस ने हालात को संभाला और बच्चो, से मामले की जानकारी ली.


स्कूल में पहुंची पुलिस बच्चों ने रो रो कर सुनाई आप बीती

अभिभावकों का कहना था की वो फ़ीस जमा करने कल बैंक गए थे, वहां भीड़ अधिक थी पैसे जमा नहीं हो सके. वो लोग लौटकर स्कूल आए और स्कूल में पैसे जमा करने चाहा तो स्टाफ ने जमा करने से मना कर दिया और बोला था की आप बैंक में ही जमा कराओ, कल करा देना आज हम जमा कराने गए हुए थे. एक अभिभावक ने बताया की उन्होंने अपने दो बच्चो में से एक की फीस जमा कर दी थी और एक की आज जमा करने गए थे, लेकिन उस से पहले ही स्कूल वालों ने बिना नोटिस दिए बच्चों को टेस्ट में बैठने से रोक दिया और अलग कमरे में बैठा दिया. सजा देनी थी तो अभिभावकों को देते बच्चों को सजा देने का क्या मतलब है. स्कूल प्रशंसन मनमानी कर रहा है. हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने परिजनों को शांत कराया.



जिला प्रशासन ने स्कूल से किया जवाब तलब


पूरे मामले में स्कूल प्रशासन अपनी गलती मानने को कतई तैयार नहीं है.मुरादाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक प्रदीप कुमार द्विवेदी का कहना है की सूचना पर मजिस्ट्रेट और पुलिस स्कूल पहुंचे थे. इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. स्कूल से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है. अगर अभिभावक शिकायत करते हैं तो स्कूल के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.