मेरठ. उत्तर प्रदेश में साइबर सेल की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक एक ही IMEI नंबर पर तेरह हजार से ज्यादा फोन एक्टिव हैं. जबकि हर एक मोबाइल फोन का यूनिक IMEI नंबर होता है. मेरठ जोन के एडीजी राजीव सब्बरवाल ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि अगर ये तकनीकी गलती है, तो उसकी भी जांच होगी या अन्य कोई और मामला तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. एडीजी के मुताबिक जोन कार्यालय में तैनात विभाग के अधिकारी से ही सूचना मिली कि फोन रिपेयर कराने के दौरान उनके फोन की IMEI बदल गई थी. इस मामले में चीन की वीवो कंपनी व उसके सर्विस सेंटर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर मेरठ की मेडिकल थाना पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से कंपनी की यह भारी चूक मानी जा रही है.


2019 में सामने आया था मामला
अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ के कार्यालय में तैनात सब इंस्पेक्टर आशाराम के पास वीवो कंपनी का मोबाइल था. स्क्रीन क्रेक होने पर उन्होंने 24 सितंबर 2019 को मेरठ में दिल्ली रोड स्थित वीवो के सर्विस सेंटर पर मोबाइल दिया. बैट्री, स्क्रीन और एफएम बदलकर सर्विस सेंटर ने उन्हें मोबाइल दे दिया. कुछ दिन बाद डिस्प्ले पर एरर आना शुरू हो गया. इसके बारे में जब पुलिसकर्मी ने मेरठ जोन सर्विलांस टीम से बातचीत की तो उन्हें मोबाइल के IMEI नंबर में गड़बड़ी लगी. पुलिसकर्मी ने मेरठ पुलिस की साइबर टीम से संपर्क किया तो वहां दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. क्योंकि इस एक आईएमईआई नंबर पर देशभर में एक ही समय में 13557 मोबाइल फोन एक्टिव थे.


पांच महीने चली थी जांच
आपको बता दें कि तत्कालीन एडीजी प्रशांत कुमार ने मेरठ जोन पुलिस की साइबर क्राइम सेल प्रभारी प्रबल कुमार पंकज व साइबर एक्सपटर्स विजय कुमार को जांच का निर्देश दिया. जांच में पाया कि आशाराम के मोबाइल बॉक्स पर जो IMEI लिखा हुआ है, वह वर्तमान में मोबाइल में मौजूद IMEI से अलग है. 16 जनवरी 2020 को सर्विस सेंटर मैनेजर ने जवाब दिया कि IMEI नहीं बदली गई. चूंकि उस मोबाइल में जिओ कंपनी का सिम था इसलिए साइबर सेल ने उक्त IMEI टेलीकॉम कंपनी को भेजकर डाटा मांगा. वहां से रिपोर्ट आई कि 24 सितंबर 2019 को सुबह 11 से 11.30 बजे तक देश के अलग-अलग राज्यों के 13557 मोबाइलों में यही IMEI रन कर रहा है।


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