लखनऊ: ताजा खबर ये है कि मनोज कुमार यूपी के नए राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाये गए हैं. रिटायर हो चुके कई बड़े आईएएस और आईपीएस अफसर इस महत्त्वपूर्ण कुर्सी के लिए लॉबिंग कर रहे थे.


1982 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी मनोज बिहार के सहरसा ज़िले के रहने वाले हैं. वे गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ रह चुके हैं. जहां से योगी आदित्यनाथ पांच बार लोक सभा के सांसद रह चुके हैं.


योगी सरकार ने ओपी सिंह को यूपी का नया डीजीपी बनाने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री ऑफिस को भेजा है. उन्हें अब तक दिल्ली से हरी झंडी नहीं मिली है. सिंह भी बिहार के गया के रहने वाले हैं. अगर ओपी सिंह पर पीएमओ का मन नहीं बना तो जो नाम डीजीपी की रेस में चल रहे हैं. उनमे से अधिकतर बिहार के ही हैं.


इंटेलिजेंस के डीजी भावेश कुमार सिंह सीएम योगी आदित्यनाथ की पहली पसंद है. गोरखपुर में आईजी और एसपी रह चुके भावेश भी बिहार के रहने वाले हैं. रजनीकांत मिश्रा का नाम भी डीजीपी के लिए चर्चा में है. एसएसबी के डीजी मिश्रा बिहार के पटना के हैं और सीबीआई में भी काम कर चुके हैं.


यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार हैं. 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद का घर पटना में है. एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश और डायल 100 के चीफ आदित्य मिश्रा भी बिहार के रहनेवाले हैं. यूपी के कई बड़े और महत्त्वपूर्ण ज़िलों के डीएम और एसपी भी बिहारी अधिकारी हैं. लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार और योगी के शहर गोरखपुर के एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज इसी लिस्ट में शामिल हैं.


सीएमओ यानी मुख्यमंत्री कार्यालय में भी तैनात कई अफसर बिहार के रहने वाले हैं. सीएम के सचिव मृत्युंजय नारायण का घर पटना है. ग़ाज़िबाद और आगरा जैसे ज़िलों के डीएम और वाणिज्य कर आयुक्त रह चुके नारायण 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. मुख्यमंत्री के विशेष सचिव नीतीश कुमार का घर भी बिहार पड़ता है. योगी आदित्यनाथ को जब अपने लिए मीडिया सलाहकार की जरूरत पड़ी तो उन्होंने फिर बिहार पर ही भरोसा किया. अमर उजाला अखबार के गोरखपुर में सम्पादक रह चुके मृत्युंजय कुमार को उन्होंने ये जिम्मेदारी दी. कई बड़े विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव भी बिहारी अधिकारी ही हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य और नगर विकास जैसे विभागों के हेड बिहार के रहनेवाले आईएएस अफसर हैं.


पिछले साल यूपी का सीएम बनने के कुछ ही दिनों बाद योगी आदित्यनाथ ने बिहार का दौरा किया था. तब उन्होंने मंच से कहा था कि " कई लोगों ने मुझसे कहा कि आप तो बिहार के अफसरों को ही जिम्मेदारियां दे रहे हैं तो मैंने उनसे कहा अगर आपके पास उन से कोई बेहतर विकल्प हो तो बताएं.''