नई दिल्लीः इसी साल होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है. इस बार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने का मन बनाया है जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हों. विधानसभा चुनाव में टिकट हासिल करने के लिए नेताओं को सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर और व्हॉट्सएप पर सक्रिय होना जरूरी है.


इसके लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बाकायदा एक पत्र जारी किया गया है जिसमें आने वाले चुनावों के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें बताया गया है कि कौन-कौन से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नेताओं और पदाधिकारियों की किस तरह की उपस्थिति होनी चाहिए.


पत्र में बताया गया है कि नेताओं की सोशल मीडिया पर किस तरह की सक्रियता होनी चाहिए


1.मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का फेसबुक पेज होना जरूरी है.
2. ट्विटर अकाउंट होना अनिवार्य है.
3. व्हॉट्सएप पर सक्रिय होना जरूरी है.
4. फेसबुक पेज पर 15000 लाइक्स, ट्विटर पर 5000 फॉलोअर और सभी के पास बूथ के लोगो का व्हॉट्सएप ग्रुप बनाए रखना जरूरी है.
5. मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल के सभी ट्वीट को सभी ट्वीट को लाइक करना और रीट्वीट करना, इसके अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस के फेसबुक पेज के सभी पोस्ट को शेयर और लाइक करना कांग्रेस के पदाधिकारियों, मौजूदा विधायकों और टिकट के सभी दावेदारों को अनिवार्य है.



इन निर्देशों के अलावा पत्र में ये भी कहा गया है कि 15 सितंबर 2018 तक प्रदेश के सभी पदाधिकारी, विधायक और टिकट के दावेदारों को अपने फेसबुक, ट्विटर और व्हॉट्सएप की जानकारी मध्य प्रदेश कांग्रेस के आईटी सेल और सोशल मीडिया विभाग में मुहैया करानी होगी.


तो ये साफ हो गया है कि चुनावों में अपनी जीत पक्की करने के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस सोश मीडिया टूल का जबर्दस्त इस्तेमाल करने वाली है और उन्हीं दावेदारों को टिकट देने वाली है जिनकी सोशल मीडिया पर अच्छी खासी उपस्थिति हो.