नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में चुनाव सिर पर है. लेकिन राज्य के दिग्गज नेता, दो बार के मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह कहां हैं? वे कांग्रेस की रैलियों में क्यों नहीं नजर आ रहे? वह राहुल गांधी के आसपास क्यों नहीं दिख रहे? इन सवालों का जवाब खुद दिग्विजय सिंह ने दिलचस्प ढंग से दिया है. उन्होंने भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरे भाषण और प्रचार-प्रसार से कांग्रेस के वोट करते हैं. इसलिए पार्टी कार्यकर्ता उनका नाम लिए बिना प्रचार करें.


दिग्विजय सिंह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जीतू पटवारी के भोपाल स्थित सरकारी आवास पर मिलने पहुंचे थे. इसी दौरान जब एक संवाददाता ने पूछा कि आप मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे? इस सवाल पर सिंह ने कहा, ''देखते रह जाओगे. ऐसे सरकार नहीं बनेगी. जिसको टिकट मिले, चाहे दुश्मन को टिकट मिले, जिताओ.'' उन्होंने आगे कहा, ''मेरा काम केवल एक है. कोई प्रचार नहीं. कोई भाषण नहीं. मेरे भाषण देने से कांग्रेस के वोट कटते हैं. इसलिए मैं कहीं नहीं जाता हूं.''


दिग्विजय इन दिनों पार्टी के प्रचार अभियान से दूर है. इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश में लगातार रैलियां और रोड-शो कर रहे हैं. लेकिन उनके साथ कहीं भी दिग्विजय सिंह नजर नहीं आते हैं. दिग्विजय राहुल को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने के प्रमुख पैरोकारों में से एक रहे हैं. हालांकि राहुल ने गोवा में दिग्विजय सिंह की असफलता के बाद उन्हें प्रभारी पद से हटा दिया था.


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कांग्रेस की चुप्पी, शिवराज की चुटकी
दिग्विजय के बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि मुझे नहीं मालूम है कि उन्होंने किस संदर्भ में बयान दिया है. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''कम से कम कांग्रेस के लोग अपने नेता की इज्जत करें, मैंने सोचा नहीं था की कांग्रेस अपने ही नेता की यह दुर्दशा करेगी.''


पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान लगे कटआउटों से भी दिग्विजय सिंह गायब दिखे थे. तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर चुटकी ली थी. उन्होंने कहा था, "दिग्विजय सिंह हमारे बड़े भाई हैं, मगर वे इस दुर्दशा को क्यों प्राप्त हुए, यह विचार का विषय है." राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि दिग्विजय गुटबाजी की वजह से किनारे कर दिये गए हैं. कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व पर राहुल गांधी का भरोसा है.


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