इंदौरः मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप (मोहपाश) मामले में एफआईआर दर्ज कराने वाले इंदौर नगर निगम के एक आला अधिकारी को अनैतिक कार्य में शामिल होने के आरोप में सोमवार को पद से निलम्बित कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम प्रशासन ने इस शहरी निकाय के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह को वर्ष 1965 के मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत निलंबित किया.


निलंबन आदेश में कहा गया कि "अनैतिक कृत्य (हनी ट्रैप मामले) में सिंह की कथित संलिप्तता पहली नजर में अशोभनीय होने के साथ नैतिक पतन की परिचायक है. इस कारण उनकी पेशेवर कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है."


गौरतलब है कि पुलिस ने सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज करके बृहस्पतिवार को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था. गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था. नगर निगम अफसर ने पुलिस को बताया कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी. ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये थे. इस बीच, पुलिस को जांच में कुछ नये सुराग मिलने के बाद इस मामले के तार कई स्थानों से जुड़ गये हैं.


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया, "पुलिस हिरासत में गिरोह की दो महिला आरोपियों से पूछताछ की गयी है. जांच में हमें कुछ नये सुराग भी मिले हैं. इनके आधार पर हम भोपाल, राजगढ़, छतरपुर और अन्य स्थानों पर जांच को आगे बढ़ा रहे हैं."


उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह भी पता चला है कि गिरोह की महिला आरोपियों ने मोहपाश की वारदात के लिये इंदौर के दो होटलों में ठहरने के दौरान फर्जी पहचान पत्र प्रस्तुत किये थे. गौरतलब है कि गिरोह के छह गिरफ्तार आरोपियों में शामिल आरती दयाल (29) और मोनिका यादव (18) की पुलिस हिरासत अवधि एक स्थानीय अदालत ने कल रविवार को 28 सितंबर तक के लिये बढ़ा दी थी. बाकी चार आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत स्थानीय जेल में बंद हैं.


ये भी पढ़ें


महाराष्ट्र: चुनाव एलान से एक हफ्ते पहले लिए फैसलों के खिलाफ लोकायुक्त के पास पहुंची कांग्रेस



महाराष्ट्र चुनाव में 'दाऊद' की एंट्री, एनसीपी ने बीजेपी पर लगाया ये आरोप



प्रयागराजः चिन्मयानंद मामले में पीड़ित महिला की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से हाई कोर्ट का इनकार