चंदौली: ईस्ट इंडिया कंपनी के जमाने में उत्तर प्रदेश में बने मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया आज पूरी हो गई. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने चंदौली जिले में स्थित मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखे जाने की आधिकारिक घोषणा की. सन 1862 में दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग बनाए जाते समय मुगलसराय रेलवे स्टेशन वजूद में आया था. यह स्टेशन अब ''एकात्म मानवतावाद'' के पुरोधा माने जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा.



इस कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता भी मौजूद रहे. चंदौली का मुगलसराय स्टेशन डेढ़ सौ साल पुराने मुग़लसराय जक्शन का नाम हमेशा के लिए इतिहास बन गया.





इस खास मौके के लिए सम्पूर्ण रेलवे स्टेशन को केसरिया रंग में रंगा गया है और परिसर में प्रवेश और निकास द्वार के साइनबोर्ड के साथ-साथ प्लेटफार्म के नाम को भी बदला गया है. ‘एकात्म मानववाद‘ का संदेश देने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारक दीन दयाल उपाध्याय फरवरी 1968 में मुगलसराय रेलवे स्टेशन के पास ही संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे.



अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल के दौरान इस स्टेशन का नाम बदलने का प्रयास किया था. लेकिन सरकार की यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई थी. अब ऐसे व्यक्ति के शासनकाल में फिर से यह कवायद शुरू हुई है, जिनसे अटल को वर्ष 2002 में कहना पड़ा था, "आपने राजधर्म नहीं निभाया."



उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल जून में मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने का फैसला किया था. मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी के बाद इस प्रस्ताव को रेल मंत्रालय के पास भेजा गया था.


चंदौली से सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा था कि एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा देने वाले पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर मुगलसराय जंक्शन का नामकरण कराए जाने पर सिर्फ चंदौली ही नहीं बल्कि पूरे देश के लोगों में उत्साह है.