लखनऊ: मुलायम सिंह यादव और उनकी सियासत को समझना कतई आसान नहीं है. शिवपाल और अखिलेश की अदावत जगजाहिर है और मुलायम कभी शिवपाल के पक्ष में खड़े नजर आते हैं तो कभी अखिलेश के. वो आखिर चाहते क्या हैं ये राजनीति के जानकारों की समझ से बाहर है.


राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर मुलायम आज अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ मौजूद रहे. लखनऊ के लोहिया ट्रस्ट में हुए इस कार्यक्रम में मुलायम ने कहा कि अन्याय कहीं भी हो, चाहे परिवार में हो, गाँव में हो, या कहीं और, उसका विरोध करो.


इसी के बाद से एक बार फिर कयासों का सिलसिला चालू हो गया है कि आखिर मुलायम किसके साथ हैं? शिवपाल सिंह के साथ या फिर अखिलेश यादव के साथ.


दरअसल अब अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं और शिवपाल सिंह यादव समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के संस्थापक. दोनों ही लोग मुलायम सिंह यादव को अपने साथ बताते हैं. मुलायम ने कभी किसी मंच पर नहीं कहा कि वो किसके साथ हैं.


कुछ वक्त पहले अखिलेश की अनुपस्थिति में मुलायम समाजवादी पार्टी के ऑफिस भी पहुंचे थे. माना जा रहा था कि मुलायम अखिलेश के साथ हैं लेकिन आज उन्होंने भाई के साथ मंच साझा किया है. अब अब बार फिर से चर्चाएं शुरू हो गई हैं.


दूसरी ओर इटावा में एक कार्यक्रम के दौरान शिवपाल ने कहा था कि नेताजी का आशीर्वाद उनके साथ है, उन्हीं के आशीर्वाद से मोर्चा बना है. उन्होंने कहा था कि नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने और मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ने का भी ऑफर दिया गया है.