लखनऊ: अगले आम चुनाव में मुलायम सिंह का साथ किसे मिलेगा? बेटे अखिलेश यादव को या फिर भाई शिवपाल यादव को. इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल पाया है. मुलायम लगातार सस्पेंस बनाए हुए हैं. वे कभी अखिलेश के साथ हो जाते हैं तो कभी शिवपाल के साथ मंच पर नजर आते हैं. 17 अक्टूबर को भी ऐसा ही हुआ. मुलायम सिंह यादव सवेरे ही समाजवादी पार्टी ऑफ़िस पहुंच गए. राज्य सभा सांसद बेनी प्रसाद वर्मा के छोटे भाई का निधन हो गया था. उनके लिए शोक सभा रखी गई थी. मुलायम उस सभा में शामिल हुए.
शोक सभा ख़त्म होने के बाद भी मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी दफ़्तर में डटे रहे. यहां बने अपने ऑफ़िस में वे पहली बार बैठे. क़रीब चार घंटे तक वे नेताओं से मिलते रहे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम उनके साथ बने रहे. दो महीने पहले ही समाजवादी पार्टी का ऑफ़िस नये तरीक़े से बनाया गया है. इसे अखिलेश यादव ने अपनी पसंद ले बनवाया है. इसमें पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह का भा कमरा बनवाया गया है. वे पहली बार अपने कमरे में आए. जहां उनकी एक पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट फ़ोटो भी लगी हुई है. यहां बैठ कर मुलायम सिंह ने कई नेताओं और मिलनेवालों के संग फ़ोटो भी खिंचवाई.
राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर मुलायम अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ नजर आए थे
पिछले ही हफ़्ते मुलायम सिंह अपने भाई शिवपाल यादव के साथ मंच पर नज़र आए थे. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर मुलायम अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ मौजूद थे. लोहिया ट्रस्ट में आयोजित इस कार्यक्रम में भाई के लिए मुलायम का प्रेम उमड़ आया था. उन्होंने मंच से कहा था कि अन्याय कहीं भी हो, चाहे घर में या फिर बाहर में, उसका विरोध होना चाहिए.
मुलायम ने लोहिया का ज़िक्र करते हुए ये बात कही थी. उनके इस बयान के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि अब मुलायम खुल कर शिवपाल के साथ आ गए हैं. भतीजे अखिलेश यादव से नाराज़ शिवपाल ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी है. वे समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बना कर चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं. उन्होंने मुलायम सिंह को अपनी पार्टी से मैनपुरी से चुनाव लड़ने की अपील की है. उधर अखिलेश पहले ही एलान कर चुके हैं कि मुलायम समाजवादी पार्टी से मैनपुरी से उम्मीदवार होंगे. तय तो आख़िर मुलायम को ही करना है.