शिवपाल से मिलने के बाद सपा कार्यालय पहुंचे मुलायम, कार्यकर्ताओं को दिया जीत का मंत्र
मुलायम सिंह कभी अखिलेश के साथ तो कभी शिवपाल के साथ नजर आते हैं. आम चुनाव में अखिलेश और शिवपाल आमने सामने की टक्कर का मूड बना चुके हैं ऐसे में अभी तक ये साफ नहीं है कि आखिर मुलायम किस खेमे में रहने वाले हैं.
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह ने नया संगठन खड़ा करने वाले भाई शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद सपा मुख्यालय जाकर कार्यकर्ताओं को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है.
सपा संस्थापक ने दोनों ही खेमों में कार्यकर्ताओं के साथ समय बिताया. एक खेमे की अगुवाई उनके बेटे अखिलेश यादव कर रहे हैं जबकि दूसरा खेमा शिवपाल यादव का है. शिवपाल की पार्टी 'प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया' है. अब जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं, मुलायम के दोनों जगहों पर जाने से सपा समर्थक असमंजस में हैं.
मुलायम पहले शिवपाल के पास गये. वहां उन्हें शिवपाल ने अपनी पार्टी का अध्यक्ष बनने की पेशकश की.
शिवपाल ने कहा, 'मैंने नेताजी (मुलायम) को पार्टी अध्यक्ष पद और मैनपुरी सीट से टिकट की पेशकश की है. हमारी पार्टी लोहिया के विचारधारा को आगे बढ़ाएगी.' मुलायम ने हालांकि इस पर कोई जवाब नहीं दिया.
शिवपाल ने कहा, ‘‘ हमने नेताजी के आशीर्वाद से पार्टी बनायी है.’’ उत्साहित कार्यकर्ताओं ने मुलायम को माला भी पहनायी.
शिवपाल ने मुलायम को पार्टी का झंडा भी भेंट किया.
हैरत तब हुई, जब मुलायम निकट ही स्थित सपा मुख्यालय की ओर रवाना हुए और वहां कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनाव जीतने का मंत्र दिया.
हाल ही में मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव खुलकर चाचा शिवपाल का समर्थन करती नजर आयीं.