लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान खत्म हो चुका है लेकिन समाजवादी पार्टी में छिड़ा पारिवारिक कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रतीक यादव और अखिलेश यादव को अपनी दो आंखें बताने वाली पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता ने कहा कि उनका अपमान हुआ जिसे उन्होंने सहा, लेकिन अब जो होगा खुलकर होगा. उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि उनका बेटा प्रतीक यादव सांसद बने. उन्होंने यह भी कहा कि कभी सोचा नहीं था कि अखिलेश बागी हो जाएंगे.
राजनीति में आकर सांसद बने मेरा बेटा प्रतीक यादव: साधना
साधना मंगलवार को मीडिया से मुखातिब थीं. वह कई मुद्दों पर खुल कर बोलीं. उन्होंने मुख्य सचिव के ट्रांसफर से लेकर एसपी में हुए उथल-पुथल पर अपनी बात रखी. साधना ने कहा, "जब मुख्य सचिव का ट्रांसफर किया गया तो लोगों ने कहा कि मैं इसके पीछे थी. लेकिन, यह सब गलत है. काश मैं इतनी ताकतवर होती कि किसी का ट्रांसफर करा सकती."
उन्होंने कहा, "नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने मुझे कभी राजनीति में नहीं आने दिया. अब मैं चाहती हैं कि मेरा बेटा प्रतीक यादव राजनीति में आकर सांसद बने. पर्दे के पीछे से मैं काम करती रही. अब मैं पॉलिटिक्स में नहीं आना चाहती. हां चाहती हूं कि मेरे बेटे प्रतीक यादव राजनीति में जरूर आएं."
''अखिलेश को कभी नहीं माना सौतेला बेटा''
समाजवादी पार्टी में हुई कलह पर साधना ने कहा, "परिवार में जो हुआ उसका अफसोस है. मैं समाजसेवा करना चाहती हूं. नेताजी के परिवार को हमेशा एक माना, मेरे और अखिलेश के बीच कोई बात नहीं है. कभी अखिलेश को सौतेला बेटा नहीं माना. अखिलेश ने कभी किसी बात का जवाब नहीं दिया."
उन्होंने कहा, "मेरे और अखिलेश के बीच कोई विवाद नहीं रहा. मेरी अखिलेश की बराबर बातचीत होती है. एक जनवरी के बाद मेरे और अखिलेश के बीच पहले के मुकाबले अधिक बातचीत होने लगी है. मेरे कहने पर अखिलेश सांसद का चुनाव लड़े थे, धर्मेद्र यादव को भी मेरे कहने पर चुनाव लड़ाया." उन्होंने कहा, "कलह से सबसे ज्यादा तकलीफ मुझे हुई. मेरे ऊपर कई आरोप लगे, किसी को जिम्मेदार नहीं मानती. मैंने सबको एक माना, कभी मैंने क्रेडिट के लिए काम नहीं किया."
एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनें अखिलेश: साधना
एसपी में छिड़े विवाद पर साधना ने कहा, "अखिलेश बागी हो जाएंगे, ऐसा सोचा नहीं था. सोचा नहीं था कि नेताजी के जीते जी अखिलेश अलग होंगे. मैं चाहती हूं कि हमारी पार्टी को चुनाव में जीत मिले और अखिलेश एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनें. मैं नहीं जानती कि किसने अखिलेश को गुमराह किया है. लेकिन, वह अभी भी मेरी और नेताजी की काफी इज्जत करते हैं."
मुलायम सिंह को लेकर उन्होंने कहा, "चाहे कुछ भी हो, किसी को भी नेताजी का अपमान नहीं करना चाहिए. आखिर उन्हीं ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की और इसे सींच कर यहां तक लेकर आए." उन्होंने कहा, "शिवपाल यादव का बहुत अपमान हुआ. उनका अपमान नहीं होना चाहिए था. शिवपाल की कोई गलती नहीं थी. उन्होंने नेताजी और पार्टी के लिए बहुत कुछ किया है."
''प्रोफेसर साहब को बहुत मानते हैं नेताजी''
उन्होंने कहा, "प्रोफेसर साहब (रामगोपाल यादव) नेताजी को बहुत मानते हैं और नेताजी भी प्रोफेसर साहब को बहुत मानते हैं. पता नहीं रामगोपाल को क्या हो गया है, सब समय का खेल है. मेरा बहुत अपमान हुआ है. लेकिन, अब जो होगा खुलकर होगा."
उन्होंने कहा, "दुष्ट लोगों ने मेरे बारे में गलत बोला, मैंने बहुत त्याग किया है. अब मैं पॉवरफुल बनना चाहती हूं, लोगों ने मेरे घर को बर्बाद किया, मैं दुष्ट लोगों को जवाब देना चाहती हूं."