महाराष्ट्र: मुंबई में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के पलायन से कई काम अटक गए हैं. बड़े बड़े निर्माण कार्य के लिये मजदूर नहीं मिल रहे. नौबत ये आ गई है कि ठेकेदार अब हवाई जहाज में बिठाकर मजदूरों को वापस लाने के लिए मजबूर हो गये हैं. अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है मजदूर वर्ग, लेकिन लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के अलग अलग इलाकों से बड़ी तादाद में मजदूर अपने अपने गृहराज्य लौट गए. उनके वापस लौट जाने की वजह से कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स अटक गये हैं. अब ठेकेदार इन मजदूरों को वापस बुला रहे हैं.


29 साल के अमित कुमार शर्मा बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले हैं. घर में बूढ़े माता-पिता और पत्नी हैं. लॉकडाउन के दौरान आमदनी बंद हो गई थी. ऐसे में मुंबई के एक ठेकेदार ने इन्हें बतौर मैकेनिकल फिटर काम करने की पेशकश की और साथ ही पटना से मुंबई का हवाई टिकट भी दिया. अमित के लिए ये दोहरी खुशी की बात थी, क्योंकि इन्हें न केवल रोजगार मिल रहा था, बल्कि पहली बार हवाई सफर करने का मौका भी.


अमित कुमार की तरह पश्चिम बंगाल के मालदा में रहने वाले सुनील सरकार के सिर पर बूढी मां, पत्नी और 4 साल के बच्चे के भरण पोषण की जिम्मेदारी है. सुनील वेल्डर का काम करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के दौरान काम नहीं मिल रहा था. ऐसे में मुंबई के ठेकेदार ने हवाई टिकट के साथ काम का प्रस्ताव दिया. सुनील जिंदगी में पहली बार हवाई सफर करके काफी खुश हैं.


दरअसल पश्चिम बंगाल और बिहार से 20 मजदूरों को विमान के जरिए मुंबई लाने वाली फर्म का नाम है, ब्रिज इंजीनियरिंग कंपनी, जिसे मुंबई से सटे कल्याण में रेल लाइन के आर पार जाने वाले एक पुल को चौड़ा करने का ठेका मिला है. इस पुल को स्थानीय लोग 'पटरी पुल' कहते हैं और बेहद संकरा होने के कारण इस पुल की वजह से अक्सर इलाके में ट्रैफिक जाम लग जाता है.


अब सरकार ने इस पुल की चौड़ाई 2 लेन से बढ़ाकर 6 लेन करने का फैसला किया है. काम शुरू भी हो गया था, लेकिन इस बीच में फैल गई कोरोना की महामारी और लॉकडाउन के कारण काम बंद करना पड़ गया. ऐसे में जब विमान और ट्रेनों का फिर एक बार चलना शुरू हुआ तो ठेकेदार ने तुरंत मजदूरों को वापस बुलाने का फैसला किया. काम में देरी न हो इसलिये उन्हें हवाई जहाज से बुलाया गया. प्रोजेक्ट मैनेजर राहुल पटेल के मुताबिक जल्द ही वे 10 और मजदूरों को विमान से बुला रहे हैं. पटेल का कहना है कि मजदूरों का इंतजाम हो जाने के बाद पुल निर्माण का काम फिर एक बार तेज रफ्तार से शुरू हो चुका है और उन्हें अगस्त के अंत तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाने की उम्मीद है.


महाराष्ट्र की फैक्ट्रियों में, सरकारी प्रोजेक्ट्स में और भवन निर्माण के उद्योग में बड़े पैमाने पर उत्तर भारतीय और पश्चिम बंगाल के मजदूर काम करते हैं. इन मजदूरों को वापस बुलाने के लिए ठेकेदार ज्यादा मेहनताना और हवाई यात्रा जैसे प्रलोभन दे रहे हैं. महाराष्ट्र में फिर से एक बार मजदूरों का लौटना शुरू हो चुका है, लेकिन पहले जैसी स्थिति वापस आने में अभी काफी वक्त लगेगा.


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