मुंबई: मुंबई के पास पालघर में तीन लोगों की गांव वालों ने पीट पीटकर हत्या कर दी. ये तीनों लोग मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे. गांव वालों ने इन्हें डकैत समझ कर इन्हें पीट पीट कर मार डाला. गुरूवार की शाम मुंबई के कांदिवाली इलाके से तीन लोग जिनमें दो साधु और एक ड्राइवर था. मुंबई के कांदिवली इलाके से मारुति ईको कार में सवार होकर सूरत निकले जहां उनके साथी की मौत हो गई थी. दोनो साधुओं को ही उनका अंतिम संस्कार करना था. जब इनकी गाड़ी महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर पर पहुंची तो पुलिस ने उन्हें रोक कर वापस भेज दिया. इसके बाद तीनों ने अंदरूनी जंगल वाले रास्ते से होकर आगे बढ़ना तय किया.


इस बीच पालघर जिले के कई गांवों में अफवाह फैल गई कि लॉकडाउन का फायदा उठाकर अपराधी तत्व बैखौफ होकर चोरी डकैती को अंजाम दे रहे हैं. लोगों का अपहरण कर उनकी किडनी निकाल रहे हैं. इस अफवाह के चलते ग्रामीण झुंड बनाकर रात को सड़क पर पहरा दे रहे थे और हर आने जाने वाले पर शक करते हुए पथराव कर रहे थे. इस बीच इन साधुओं की गाड़ी महाराष्ट्र और केंद्र शासित दादरा नागर हवेली की सीमा के पास गडचिंचले गांव पहुंच गई. गांव वालों ने बिना कुछ सोचे समझे इनकी गाड़ी पर भी हमला कर दिया और इनकी गाड़ी पलट दी.


वहां पर मौजूद वनअधिकारी ने तुरंत फोन करके पुलिस को इत्तला दिया. पुलिस ने वहां पहुंच कर तीनों को ईको गाड़ी में से निकाल कर अपनी गाड़ी में बिठाया. तीनों ही तब तक काफी घायल हो चुके थे. इसके बाद गांव वालों ने पुलिस की गाड़ी पर हमला कर दिया. गांव वालों की भारी भीड़ के सामने पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम थी, इसलिए तीनों घायलों को छोड़कर पुलिसकर्मी भाग खड़े हुए. भीड़ ने पीट-पीट कर पुलिस की गाड़ी में मौजूद तीनों लोगों को मार डाला.


मृतकों में 70 साल के कल्पवृक्षगिरी महाराज, 35 साल के सुशीलगिरी महाराज और 30 साल के निलेश तेलगडें हैं. इस सिलसिले में पालघर जिले के कासा पुलिस थाने ने मामला दर्ज कर लिया. शुक्रवार को बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स गांव पहुंच गई. तीनों लोगों की हत्या और पुलिस टीम पर हमले के आरोप में 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


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