लखनऊ: मुन्ना बजरंगी की हत्या के कुछ दिन बाद एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आज कहा कि 31 अगस्त की समय सीमा से पहले ही जेल में सीसीटीवी लगा दिए जाएंगे.अपर महानिदेशक (कारागार) चंद्र प्रकाश ने कहा, ‘‘इस समय उत्तर प्रदेश की दो जेलों बागपत और सोनभद्र में सीसीटीवी नहीं हैं.’’


जब उनसे यह पूछा गया कि यदि सीसीटीवी होता तो बजरंगी की मौत को लेकर काफी सुराग मिल सकते थे तो चंद्र प्रकाश ने कहा कि घटना बैरक के भीतर हुई जहां सीसीटीवी नहीं लगाए जाते हैं.


उन्होंने कहा कि जिस एजेंसी को सीसीटीवी लगाने के लिए अनुबंधित किया गया था, उसने पहले कहा था कि 30 जून तक यह काम पूरा हो जाएगा लेकिन बाद में उसने दो महीने का और समय मांगा.


बता दें कि बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या जेल अफसरों की बड़ी लापरवाही का नतीजा मानी जा रही है. बागपत जेल को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने के लिए प्रदेश सरकार ने बजट जारी किया था. कैमरे लगाने की आखिरी तारीख भी निकल गई मगर अफसरों की लापरवाही का सिलसिला नहीं टूटा.


प्रदेश सरकार ने संवेदनशील जेलों का सुरक्षाचक्र मजबूत करने के लिए इस साल की शुरूआत में 51 लाख रूपS का बजट अकेले सोनभद्र और बागपत जेल में सीसीटीवी कैमरे इन्सटॉल करने के लिए जारी किया था. कैमरे लगाने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 तय थी.


बावजूद इसके सुरक्षा को लेकर अफसरों की नींद नहीं टूटी और सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए आयी रकम सरकारी खाते में पड़ी रही. जबकि इसी मद में सोनभद्र जेल को मिली रकम से सीसीटीवी कैमरे लगवाये जा चुके हैं.


संवेदनशील जेल के गेट पर भी कैमरा नहीं


बागपत जिले की सीमा देश की राजधानी दिल्ली और हरियाणा से छूती है. उत्तराखंड नजदीक होने की वजह से तीनों राज्यों में अपराध करने वाले बदमाश इस लो-प्रोफाइल जिले में शरण पाते हैं. वर्तमान में भी कई नामी कुख्यात बागपत जेल में बंद है.