लखनऊ: उत्तर प्रदेश की एक जेल में पिछले दिनों हुई अपराधी मुन्ना बजरंगी की हत्या का मामला आज राज्यसभा में उठा और केंद्र सरकार ने कहा कि अगर राज्य सरकार इस मामले में सीबीआई जांच के लिए कहती है तो उस पर विचार किया जाएगा.


गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस घटना के संबंध में राज्य सरकार से ब्यौरा मांगा गया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से सूचना मिल गई है और इस मामले में कार्रवाई की जा रही है और न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं.


उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार इस मामले में सीबीआई जांच के लिए कहती है तो केंद्र उस पर विचार करेगा.


इससे पहले एसपी के रामगोपाल यादव और विश्वंभर प्रसाद निषाद ने मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या का जिक्र करते हुए सवाल किया था कि क्या सरकार इस मामले की सीबीआई से जांच कराएगी? मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 में देश भर की विभिन्न जेलों में कैदियों द्वारा हत्या के 14 मामले सामने आए जबकि 2015 में 11 और 2014 में 12 ऐसे मामले हुए.


उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2016 की स्थिति के अनुसार, देश की विभिन्न जेलों में कैदियों की कुल क्षमता 3,80,876 थी जबकि कुल 4,33,003 कैदी बंद थे. अहीर ने कहा कि हिरासत प्रबंधन, कैदियों की सुरक्षा और कारागार अनुशासन राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है.


बता दें कि 9 जून की सुबह बागपत जेल में पूर्वांचल के माफ़िया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या हो गई थी. उसी जेल में बंद पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर सुनील राठी ने गोली मार कर उसकी जान ले ली थी. दोनों तन्हाई सेल में बंद थे. राठी को सेल नंबर 10 में और मुन्ना को सेल नंबर 2 में रखा गया था. मुन्ना के साथ एक और बदमाश विक्की सुनेहडा भी उसी तन्हाई सेल में बंद था. यूपी सरकार ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जॉंच के आदेश दिए थे. बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह लगातार सीबीआई जांच की मांग करती आ रही हैं.