लखनऊ: माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के कुछ दिन बाद ही जेल में बंद एक अन्य डॉन मुख्तार अंसारी के परिजनों ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. दिनदहाड़े जेल में हुई बजरंगी की हत्या ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है.  मुख्तार के भाई अफजाल ने आज फोन पर कहा कि जहां तक सुरक्षा का प्रश्न है, इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती.


अफजाल ने सवाल उठाया, 'इस सरकार से कोई उम्मीद है क्या ? सभी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं.' उन्होंने कहा कि मुख्तार जब उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र में शामिल हो रहे थे तो उन्होंने कहा था कि उनके जीवन को खतरा है, लेकिन सवाल यह है कि सुरक्षा किससे मांगी जाए. ज​ब मुख्यमंत्री खुद ही सदन में कह रहे हैं कि 'ठोंक दिया जाएगा' तो पुलिस वस्तुत: फर्जी मुठभेड़ें कर रही है.


उन्होंने दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ​में गिरावट आई है. बलात्कार और हत्या की घटनाएं रोजाना हो रही हैं. बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने 29 जून को एक प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया था कि उनके पति के जीवन को खतरा है.


इस बीच बागपत के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी सुनील राठी ने बजरंगी को मारने के बाद सारे सबूत मिटा दिए थे. बता दें कि पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश देने से मना कर दिया है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या सांसद बनने का सपना मुन्ना बजरंगी की जिंदगी पर भारी पड़ गया. उसका परिवार राजनीतिक रंजिश में हत्या का शक जता रहा है और खुल कर कुछ नेताओं का नाम ले रहा है. मुन्ना के मर्डर ने यूपी के राजनीतिक समीकरण को प्रभावित कर दिया है.


चर्चा है कि मुन्ना बजरंगी की राजनीतिक महत्वकांक्षा उसकी मौत की वजह बनी. मुन्ना बजरंगी ने 2015 में खुद चुनाव लड़ने का एलान किया था और इलाके में चर्चा थी कि जौनपुर से इस बार मुन्ना बजरंगी चुनाव लड़ सकता है.