नई दिल्लीः कल उत्तर प्रदेश की बागपत जिला जेल में पूर्वांचल के डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या के आरोपी बताए जा रहे गैंगस्टर सुनील राठी ने मुन्ना को 10 गोलियां मारीं थीं जिसके बाद मुन्ना बजरंगी की मौके पर ही मौत हो गई थी. अवैध वसूली के आरोप में मुन्ना बजरंगी को झांसी जेल से बागपत जेल लाया गया था और कोर्ट में उसकी पेशी होनी थी. लेकिन उसके पहले ही उसे मार दिया गया. हत्या की वजह अभी सामने नहीं आ पाई है.
मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने सीबीआई जांच की मांग की है. सीमा सिंह ने कहा कि 29 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील की थी कि उनके पति की रक्षा की जाए लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया गया. सीमा सिंह ने केंद्रीय रेलमंत्री मनोज सिन्हा और पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत कई बड़े नेताओं पर उसके पति की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. सीमा का कहना है कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ ही मनोज सिन्हा और पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने कई लोगों के साथ मिलकर उसके पति की हत्या का षड्यंत्र रचा.
मुन्ना बजरंगी की पत्नी के साथ एबीपी न्यूज ने खास बातचीत की. इसमें उन्होंने पूर्व सांसद धनंजय सिंह, प्रदीप कुमार सिंह उनके पिता जयंत सिंह जो डिप्टी कमिश्नर थे उनका नाम लिया है. इसके अलावा कहा कि मिराज और राजा नाम के एक लड़के की उनके पति की हत्या में संलिप्तता है. इन लोगों के साथ मिलकर ही षडयंत्र रचा गया था और इसमें शासन-प्रशासन का भी हाथ है जिसके बाद उनके पति को मार दिया गया.
सीमा सिंह ने कहा कि मुन्ना बजरंगी को बागपत जेल जबरन ले जाया गया क्योंकि पहले से ही उन्हें वहां ले जाकर मारने की साजिश रची जा रही थी. बागपत जेल ले जाने की उन्हें कोई जरूरत नहीं थी लेकिन जबरदस्ती उन्हें वहां भेजा गया. ये जानते हुए भी मुन्ना बजरंगी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था और एम्स में उनका इलाज चल रहा था इके बावजूद बाहरी डॉक्टर्स से उनका इलाज कराया गया और झांसी जेल से बागपत जेल ले जाने के लिए गलत रिपोर्ट तैयार की गई.
सीमा सिंह ने कहा कि जब मुन्ना बजरंगी के खाने में जहर देने की कोशिश हुई थी तब उनसे मुलाकात हुई थी जिसमें उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अपनी बात रखें लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, बागपत जेल में जैमर नहीं थे, सुरक्षा के पूरे इंतजाम नहीं थे इसके अलावा उनके पास इस बात के कोई कागजात नहीं थे जिसके जरिए उन्हें जेल में ले जाने की कोई आधिकारिक पुष्टि हो सके.
उन्होंने कहा कि फर्जी केस में फंसाकर उन्हें बागपत जेल ले जाया गया क्योंकि उनके खिलाफ जो केस थे वो खत्म होने वाले थे और इसीलिए उन्हें झांसी से बागपत जेल में ट्रांसफर किया गया. जहां तक मुन्ना बजरंगी के पास पिस्टल होने की बात कही जा रही है वो भी पूरी तरह गलत है क्योंकि जेल से ट्रांसफर होने के दौरान क्या उनकी चेकिंग नहीं की गई थी तो उनके पास पिस्टल कहां से आ सकता है. जेल के सीसीटीवी क्यों खराब थे इसका जवाब कौन देगा और अपने आप को बचाने के लिए शासन-प्रशासन इस तरह की बयानबाजी कर रहा है.
मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने बताया कि पहले उन्हें डर था कि उनका एनकाउंटर किया जाएगा लेकिन जब उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका अंदेशा जता दिया तो जेल में उन्हें मारने की पूरी प्लानिंग की गई. सुनील राठी के विषय में उन्होंने कोई जानकारी होने से इंकार किया लेकिन कहा कि सुनील राठी ने अगर उन्हें गोली मारी तो क्या किसी ने गोली की आवाज़ नहीं सुनी. उन्हें अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया. सुनील राठी जो पहले ही आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है उसे इसका आरोपी बनाकर असली आरोपियों को छोड़ने की कोशिश हो रही है.
सीमा सिंह ने कहा कि न्यायिक जांच की जो बात यूपी सरकार ने की है उससे वो बिलकुल संतुष्ट नहीं हैं और इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए क्योंकि ये मामला पूर्व सांसद धनंजय सिंह, प्रदीप कुमार सिंह उनके पिता जयंत सिंह से जुड़ा हुआ है.
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