मेरठ: 14 महीनों से वांछित 50 हजार के इनामी बदमाश ने पुलिस के पहरे के बीच मेरठ में धावा बोला है. आधी रात के बाद किये गये इस हमले में ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर इनामी और उसके साथियों ने मां-बाप की हत्या के चश्मदीद गवाह के निजी सुरक्षागार्ड की हत्या कर दी और एक और बेटे को गोली मारकर घायल कर डाला. चश्मदीद को पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी और आरोप है कि वारदात के दौरान पुलिस का जवान सोता रहा.

आधी रात के बाद गोलियों की आवाज ने चीरा सन्नाटा

हस्तिनापुर थाना इलाके के अलीपुर मोरना गांव में रात करीब ढाई बजे अचानक गोलियां चलना शुरू हुईं. यहां जॉनी गुर्जर के घर में 50 हजार के इनामी बदमाश सोनू ने अपने गैंग के साथ हमला बोला और घर की छत पर सो रहे लोगों पर गोलियां चलाना शुरू कर दीं.

वारदात में जॉनी गुर्जर के भाई के निजी सुरक्षागार्ड राजा वाल्मीकि की हत्या कर दी गई. राजा के पास वाली चारपाई पर सो रहे जॉनी गुर्जर को भी गोली लगी. गोली लगते ही वह जान बचाने के लिए छत से कूद गया जिससे उसके पैर में फ्रैक्चर हुआ है. जॉनी मेरठ के निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती है.

पहले की मां-बाप की हत्या, अब निशाने पर था जॉनी

एक ही गांव के निवासी जॉनी और सोनू के बीच की रंजिश करीब आठ साल पुरानी है. जॉनी के भाई जोगेन्द्र ने 2010 में सोनू के पिता धर्मपाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसका बदला सोनू ने 2017 में लिया. जुलाई 2017 में सोनू ने जॉनी के पिता प्रेमसिंह और उनकी पत्नी को खेत से चारा लाते वक्त गोलियों चलाकर दिनदहाड़े मार डाला था.

जनवरी 2018 में जॉनी जब जेल से जमानत पर छूटा तो सोनू को अपनी हत्या का डर सताने लगा. उसे आशंका थी कि जॉनी अपने मां-बाप की हत्या का बदला लेगा. मगर उससे पहले ही सोनू जॉनी को मार डालना चाहता था. इसी साजिश के तहत बीती रात सोनू ने जॉनी के घर पर हमला बोला.

वारदात के वक्त सोता रहा पुलिस का जवान

जॉनी का भाई जोगेन्द्र अपने मां-बाप के हत्याकांड का चश्मदीद गवाह है. इसलिए सोनू के इनामी होने के बाद से पुलिस ने उसे सुरक्षा मुहैया कराई हुई है. पुलिस का एक हथियारबंद जवान हमेशा जोगेन्द्र के साथ रहता है और वारदात के वक्त भी घर में ही मौजूद था.

लेकिन गोलियां चलने के बाद पुलिस का जवान मुकाबला करने के बजाय दुबका रहा और बदमाशों का तांडव देखता रहा. पुलिस सुरक्षा के बीच 50 हजार के इनामी बदमाश का गैंग समेत घर में हमला कानून-व्यवस्था का बड़ा प्रश्न है. अस्पताल में भर्ती जॉनी ने बताया कि स्थानीय पुलिस की इस मामले में शुरू से लापरवाही रही है. अगर सोनू पर ठीक से शिकंजा कसा जाता तो वह हमला नही कर सकता था.

पुलिस के पहरे के बीच कैसे हुई वारदात, होगी जांच

मौका-ए-वारदात पर पहुंचे एसपी ग्रामीण राजेश कुमार ने बताया कि सोनू मेरठ में प्रेमसिंह और उनकी पत्नी के मर्डरकेस के अलावा और कई मामलों में वांछित है. मेरठ क्राइमब्रांच और यूपी एसटीएफ को उसकी तलाश थी. उसके खिलाफ मुजफ्फरनगर और शामली में भी हत्या, लूट, डकैती जैसे संगीन धाराओं के मुकदमें दर्ज हैं.

पुलिस की सुरक्षा के बीच हमला गंभीर घटना है और सुरक्षाकर्मी की भूमिका की जांच भी इसमें कराई जायेगी. फिलहाल, जॉनी की हालत खतरे से बाहर है और सोनू की तलाश के लिए नये सिरे से पुलिस टीमों का गठन किया गया है.

जरायम की दुनिया में साथ उतरे थे दोस्त, अब हैं जानी-दुश्मन

सोनू और जॉनी स्कूल के वक्त से पुराने साथी है. जॉनी और सोनू के भाई मोनू ने 2009 में मवाना कस्बे में दिनदहाड़े दो युवकों को काटकर मार डाला था. इस मामले में लंबे वक्त तक जेल में रहने के बाद दोनों ने केस को कमजोर करने के लिए जेल में बैठकर ही साजिश रची.

एसपी ग्रामीण राजेश कुमार ने बताया कि जॉनी और मोनू ने इस मामले में एक साजिश के तहत जोगेन्द्र के हाथों मोनू के पिता धर्मपाल की हत्या कराई और इस हत्या का इल्जाम डबलमर्डर के वादी जावेद पर लगाया. लेकिन पुलिस ने मामले का सही खुलासा किया तो जोगेन्द्र को जेल भेजा गया.

बाद में जावेद से डबल मर्डर मामले में हुए समझौते के तहत पैसा अदा करने के लिए सोनू को अपना खेत तक बेचना पड़ा. इसके बाद से सोनू-मोनू और जॉनी के बीच रिश्तों में खटास आ गई और दोस्ती की जगह दुश्मनी ने ले ली.