मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी मंत्री सुरेश राणा ने कहा है कि 2013 की हिंसा के संबंध में जिले एवं पड़ोसी स्थानों के ‘निर्दोष व्यक्तियों’ के खिलाफ दर्ज मामलों को योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा जांच के बाद वापस ले लिया जाएगा.


राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दर्ज किया गया था मामला


हालांकि 2013 के दंगों में कथित तौर पर भड़काउ बयानबाजी के बाद राणा को स्वयं भी गिरफ्तार कर लिया गया था और उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. आपको बता दें कि 2013 में मुजफ्फरनगर और इसके पड़ोसी जिलों में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान कम से कम 62 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो गये थे.


राणा ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में कथित तौर पर कैराना पलायन जैसी घटनाओं की ‘पुनरावृत्ति’ रोकने के लिये आदित्यनाथ सरकार प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था में सुधार सुनिश्चित करेगी. गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री सुरेश राणा ने कल शामली जिले के दौरे में यह बातें कहीं.


विशेष समुदाय से जुड़े आपराधिक लोगों की कथित धमकी


उल्लेखनीय है कि बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने पिछले साल 300 से ज्यादा ऐसे परिवारों की सूची जारी की थी, जो एक विशेष समुदाय से जुड़े आपराधिक लोगों की कथित धमकी और जबरन वसूली के कारण शहर से पलायन कर गये थे. अखबारों ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था.


मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है, कि चीनी मिलें जल्द से जल्द किसानों के बकाये का भुगतान कर दें. उन्होंने बताया कि चीनी मिलों को मौजूदा बकाया राशि का भुगतान 120 दिनों के अंदर और नये बकाये का भुगतान 14 दिनों के अंदर करने का निर्देश दिया गया है.