बेगूसराय: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में बिहार सरकार में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के गिरफ्तारी की कवायद तेज़ हो गई है. मंत्री के आवास पर चेरिया बरियारपुर थाने की पुलिस छापेमारी कर रही है. वर्मा की तलाश के सिलसिले में पुलिस अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी के लिए निकली.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार पुलिस से पूछा था कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में इस्तीफा देने वाली बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के घर से हथियार बरामद होने के मामले में पूर्व मंत्री को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया है? इसी शेल्टर होम में 30 से ज़्यादा लड़कियों से कथित तौर पर रेप हुआ था. पूर्व मंत्री के पति चंद्रशेखर वर्मा ने हथियार मामले में सोमवार को बेगूसराय की अदालत में सरेंडर किया था.
न्यायमूर्ति एमबी लोकुर, न्यायमूर्ति एसए नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने यह भी निर्देश दिया था कि मुजफ्फरपुर उत्पीड़न मामले में प्रमुख आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बिहार की भागलपुर जेल से पंजाब में कड़ी सुरक्षा वाली पटियाला जेल भेजा जाए. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की तरफ से राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले प्रकाश में आया था. इससे पहले शीर्ष अदालत में मामले में जांच से संबंधित विस्तृत सूचनाओं को न्यायालय ने भयावह और डरावना बताया था.
शीर्ष अदालत ने ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ सीबीआई द्वारा पेश आरोपों पर भी संज्ञान लिया और उन्हें नोटिस जारी कर यह पूछा था कि उन्हें राज्य से बाहर की जेल में क्यों भेजा जाना चाहिए. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि ठाकुर एक प्रभावशाली व्यक्ति है और जिस जेल के अंदर फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं, वहां उनके पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया था.
शीर्ष अदालत ने बिहार पुलिस से यह भी कहा कि वह भारी मात्रा में हथियार बरामदगी मामले में पूर्व मंत्री और उनके पति से पूछताछ करे. मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में यौन उत्पीड़न मामले के मद्देनजर बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहीं वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था. सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को मामले में जांच के लिए सीबीआई की एक नई टीम के गठन से संबंधित पटना हाई कोर्ट के आदेश पर यह कहकर रोक लगा दी कि इससे ना सिर्फ जारी जांच पर असर पड़ेगा बल्कि यह पीड़ितों के लिए भी नुकसानदायक होगा.
मेडिकल टेस्ट में आश्रय गृह की 42 में से 34 पीड़िताओं से रेप की पुष्टि हुई. टिस की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया कि आश्रय गृह की कई लड़कियों ने रेप की शिकायत की थी. ब्रजेश ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ 31 मई को एफआईआर दर्ज की गयी. बाद में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गयी थी.
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