मुजफ्फरनगर: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर मुज़फ्फरनगर जनपद में हुई हिंसा पर शुक्रवार को बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान का एक बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि मदरसों की जांच के साथ - साथ जमीयत उलेमा ए हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव महमूद मदनी की भी जांच होनी चाहिए. मंत्री ने कहा कि 12 से 15 साल के नाबालिक बच्चों के साथ-साथ कुछ बच्चे मदरसों के भी गिरफ्तार हुए हैं. आखिर मदरसों के बच्चे किसने और क्यों निकाले इसकी जांच हो.


उन्होंने यह भी कहा कि देवबंद नजदीक है, इसलिए सही तरीके से जांच की जानी चाहिए. मदरसों को कंट्रोल कौन करता है और किसके कहने पर मदरसों से बच्चे यहां आए, ये भी जांच का विषय है.


उन्होंने कहा, "कारगिल के सांसद का मेरे पास फोन आया था. उन्होंने बताया था कि कारगिल का एक बच्चा भी मुजफ्फरनगर उपद्रव में शामिल था. आखिर वो कैसे यहां आया और किसने उसे भेजा, इसकी भी जांच हो."


बालियान ने कहा, "मैंने प्रशासन से खुद कहा है कि इस मामले में जो भी नाबालिग बच्चे हैं, उनके साथ नरमी से पेश आया जाए और उन्हें एक मौका दिया जाए. इसमें उन्हें न फंसाया जाए. 50 हजार लोग किसके कहने पर बाहर आए. किसी राजनीतिक पार्टी या धार्मिक संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, इसकी जांच होनी चाहिए."


बालियान बोले, अगर कोई लेता तो कोई बात नहीं थी. लेकिन किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली है तो इसकी भी जांच होनी चाहिए. बालियान ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव महमूद मदनी के उस बयान पर कि ''गोलिया कम पड़ जाएगी पर सीने कम नहीं पड़ेंगे''. पर उन्होंने कहा कि कहीं महमूद मदनी ने तो ऐसा नहीं किया है. क्योंकि वो भी कई मदरसों से जुड़े हुए हैं.


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