मुजफ्फरपुर/पटना: बिहार में बच्चों के लिए कहर बने चमकी बुखार ने अबतक 135 मासूमों की जान ले ली. एक्यूट एंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी) बुखार से मुजफ्फरपुर में अब तक 109 बच्चों की मौत हुई है जबकि पूरे बिहार में मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 135 पहुंच गया है. मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल में अब तक मरने वाले बच्चों की संख्या 90 है जबकि प्राइवेट अस्पताल में 19 बच्चों की मौत हुई है.
वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार मंगलवार को हालाता का जायजा लेने मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज (एसकेएमसीएच) पहुंचे. नीतीश के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. स्थानीय लोगों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
अस्पताल पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि एसकेएमसीएच में बेड की संख्या को बढ़ाया जाए. मौजूदा वक्त में एसकेएमसीएच में बेड की संख्या 610 है जिसे बढ़कार 2500 करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री पहले फेज में जल्द से जल्द 1500 बनाने के लिए कहा है. इसके साथ ही एक धर्माशाला के निर्माण का भी सीएम ने निर्देश दिया है ताकि वहां मरीजों के परिजन ठहर सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध हों इसके लिए एडिशनल डॉक्टरों की तैनाती होनी चाहिए. इसके साथ ही रोज की स्थिति के संदर्भ में मीडिया ब्रीफिंग का समय भी निर्धारित करने का निर्देश दिया.
नीतीश कुमार शनिवार से ही दिल्ली में थे और सोमवार की शाम पटना लौटे. लौटने के बाद उन्होंने दिमागी बुखार की वजह से पैदा हुए हालात पर अधिकारियों के साथ आपात समीक्षा बैठक भी की. बैठक के बाद सरकारी महकमा कुछ हरकत में आया और प्रदेश सरकार ने कहा कि दिमागी बुखार से पीड़ित सभी बच्चों के इलाज का खर्च बिहार सरकार उठाएगी, फिर चाहे इलाज सरकारी अस्पताल या निजी अस्पताल में हो.