मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर 2 जून को ही गिरफ़्तार हो चुका है लेकिन गिरफ्तार होने के बाद 9 जून से 27 जून तक वह मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के कैदी वार्ड में भर्ती था. जिसके बाद उसे जेल अस्पताल में शिफ्ट किया गया. एसकेएमसीएच में भर्ती किए जाने के पीछे की वजह जानने के लिए एबीपी न्यूज़ ने एसकेएमसीएच के मेडिकल सुपरिटेंडेंट सुनील कुमार शाही से बात की.


सुनील कुमार शाही ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर गठित मेडिकल बोर्ड की सलाह पर ही जेल सुपरिटेंडेंट के निर्देश के बाद ब्रजेश ठाकुर को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था. लेकिन कुछ दिन बाद ही नए जेल सुपरिटेंडेंट ने ब्रजेश ठाकुर को जेल हॉस्पिटल में शिफ़्ट करने का निर्देश दिया. इसके बाद ब्रजेश ठाकुर को जेल हॉस्पिटल में शिफ़्ट किया गया.



सुनील कुमार शाही ने ब्रजेश ठाकुर की मेडिकल रिपोर्ट दिखाते हुए बताया कि वो ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और स्केमिक हार्ट डिजीज़ से पीड़ित है जिसमें हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है. इतना ही नहीं ब्रजेश ठाकुर को कमर में दर्द की भी शिकायत थी जिसके लिए मेडिकल सुपरिटेंडेंट की ओर से ब्रजेश ठाकुर का एमआरआई कराने के लिए जेल प्रशासन को चिट्ठी भी लिखी गई थी. क्योंकि एसकेएमसीएच में एमआरआई की सुविधा नहीं है. लेकिन एमआरआई को लेकर जेल सुपरिटेंडेंट का जवाब आने से पहले ही ब्रजेश ठाकुर को एसकेएमसीएच से जेल हॉस्पिटल शिफ़्ट करने का निर्देश आ गया. सुनील कुमार शाही ने इतना जरूर स्पष्ट किया कि ब्रजेश ठाकुर को जो बीमारियां हैं उसके लिए उसका रेगुलर हेल्थ चेकअप और डाक्टर्स की निगरानी जरूरी है.


दरअसल किसी भी क़ैदी के जेल से बाहर अस्पताल में भेजने के लिए जेल सुपरिटेंडेंट के आदेश के साथ ही सिविल सर्जन की सलाह भी ली जाती है. ब्रजेश ठाकुर को जब पहली बार 9 जून को एसकेएमसीएच भेजा गया तब भी सिविल सर्जन को इसकी जानकारी दी गई और जब 27 जून को वापस जेल अस्पताल में शिफ़्ट किया गया तब भी इसकी सूचना सिविल सर्जन को दी गई.


मुजफ्फरपुर के मौजूदा सिविल सर्जन शिवचंद्र भगत के मुताबिक जिलाधिकारी के निर्देश के बाद आज ही ब्रजेश ठाकुर की मेडिकल जांच के लिए एक मेडिकल टीम जेल अस्पताल भेजी गई है जो ब्रजेश ठाकुर के सेहत की जांच करेगी. साथ ही ये भी रिपोर्ट देगी कि क्या ब्रजेश ठाकुर को अभी भी जेल अस्पताल में रखने की ज़रूरत है या फिर उसे बैरक में भेजा जा सकता है. हालांकि सिविल सर्जन शिवचंद्र भगत के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर को जो बीमारियां हैं उनमें डॉक्टर के सुपरविजन की आवश्यकता पड़ती है. गिरफ्तार होने के वक्त ब्रजेश ठाकुर लड़खड़ा कर चलता हुआ दिखाई दे रहा था.