नई दिल्ली: बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर शिकंजा कसता ही जा रहा है. ईडी ने मंगलवार को ब्रजेश ठाकुर के बालिका गृह कार्यालय और होटल समेत कुल 12 संपत्तियों पर पर्चा चिपका कर यह एलान कर दिया कि इन संपत्तियों को जप्त किया जा रहा है. एनजीओ के माध्यम से सरकार के पैसे का बंदरबांट कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित करनेवाला ब्रजेश ठाकुर बलिकागृह मामले में पंजाब के पटियाला जेल में बंद है.


बता दें कि मार्च 2019 में ईडी ने ब्रजेश ठाकुर के 23 भूखंड और तीन वाहनों समेत 7.30 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की थी. ईडी ने 26 भूखंड, तीन वाहन, 37 खातों में जमा राशि, म्यूचुअल फंड और बीमा पॉलिसियों में निवेश को मिलाकर कुल 7.30 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां कुर्क की थी. ये संपत्तियां आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके परिवार की थी.


मुजफ्फपुर के शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ यौन शोषण की बात सामने आई थी. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में पहली बार ये मामला प्रकाश में आया था. यह रिपोर्ट अप्रैल 2018 में राज्य के सामाजिक कल्याण विभाग को सौंपी गई थी. मामले के सामने आने के बाद जुलाई 2018 में बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की और फिर जांच एजेंसी ने इसे अपने हाथ में ले लिया. पूरे प्रकरण के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर उसकी करीबी मधु समेत कई लोग सीबीआई जांच के बाद जेल में बंद हैं. शेल्टर होट चलाने वाले ब्रजेश ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ मई 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


जांच के दौरान ये पता चला था कि तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर और ब्रजेश ठाकुर के बीच फोन पर कई बार बातचीत हुई थी. इस तथ्य के सामने आने के बाद नीतीश कुमार की सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी. बाद में मंत्री पद से मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था.