पटना: करीब पांच महीने से फरार चल रही मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की सबसे बड़ी राजदार मधु आखिरकार आज सबके सामने आई. पहले मीडिया में अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब दिया और फिर मीडिया के कैमरों के सामने ही सीबीआई को सरेंडर कर दिया.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के सामने आने के बाद एनजीओ के कर्ताधर्ता ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन हमेशा उसके साथ दिखाई देने वाली शाहिस्ता परवीन उर्फ मधु तब से ही फरार चल रही थी. पहले पुलिस और फिर सीबीआई मधु की तलाश में दर-दर भटकते रहे लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी मधु का पता नहीं लग सका. करीब पांच महीने तक आंख-मिचौली खेलने के बाद आज मधु सामने आई और ब्रजेश ठाकुर के साथ अपनी नजदीकियों पर सफाई दी.
मीडिया के कैमरों पर मधु ने ब्रजेश ठाकुर के साथ अपने करीबी रिश्तों को सिरे से नकार दिया और कहा कि उसका बालिका गृह से कुछ लेना-देना नहीं था और वहां बच्चियों के साथ क्या होता था उसे इसकी कोई जानकारी नहीं थी. आज सीबीआई के सामने पेश होने से पहले मधु अपने वकील प्रियरंजन कुमार से मिली थी और कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका डालने पर सलाह ली.
मधु के वकील प्रियरंजन के मुताबिक पुलिस या फिर सीबीआई की किसी भी एफआईआर में मधु का नाम शामिल नहीं है, न ही मधु के नाम से कोई वारंट या नोटिस जारी नहीं किया गया है. लेकिन सीबीआई मधु के परिवार को लगातार टॉर्चर कर रही थी इसलिए मधु सीबीआई के सामने पेश हुई है. मधु का नाम कहीं भी बतौर दोषी नहीं है, न तो सीबीआई या पुलिस की जांच में न ही कोर्ट में दिए बच्चियों के बयान में कहीं भी मधु का जिक्र है.
सीबीआई के सामने सरेंडर करने के बाद सवाल उठता है कि आखिर मधु इतने दिन कहां फरार थी जो पुलिस और सीबीआई मिलकर भी उसका पता नहीं लगा पा रही थी. हमने ये सवाल मधु के वकील से भी किया लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मधु नेपाल में किसी जगह छिपी हुई थी और पिछले कई दिनों से सीबीआई के सामने पेश होने का मन बना रही थी. आज भी सीबीआई को सरेंडर करने से पहले मधु ने मीडिया को इन्फॉर्म कर दिया था ताकि सीबीआई बाद में मधु को गिरफ्तार करने का दावा न कर सके. सीबीआई को सरेंडर करने से पहले मधु ने मीडिया के सामने अपना पक्ष भी रखा लेकिन अब गेंद सीबीआई के पाले में है और सीबीआई मधु से ब्रजेश ठाकुर का हर वो राज उगलवाने की कोशिश कर रही है जो उसने अपने सीने में दफन करके रखा हुआ है.
आखिर बालिका गृह कांड में मधु की भूमिका इतनी संदेहास्पद क्यों मानी जा रही है, तो इसका जवाब है ब्रजेश ठाकुर और मधु का सालों पुराना नजदीकी रिश्ता. कभी साये की तरह ब्रजेश ठाकुर के साथ रहने वाली मधु आज ब्रजेश ठाकुर के साथ करीबी रिश्तों से इंकार कर रही है लेकिन दोनों ही पिछले करीब 17 सालों से एक-दूसरे के साथ हैं. ब्रजेश ठाकुर ने वामा शक्ति वाहिनी नाम से एक संगठन बनाया और उसे चलाने की जिम्मेदारी मधु को दे दी. मधु को अपने एनजीओ में प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया और उसके जरिये करोड़ों के टेंडर लिए, यहां तक कि अपने उर्दू अखबार हालात-ए-बिहार में संपादक की जिम्मेदारी भी दे दी.
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