मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: कोर्ट का निर्देश- दो दिनों के भीतर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की नियुक्ति करे सीबीआई
ये मामला मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट से सामने आया था. बच्चियों की मेडिकल रिपोर्ट सामने आने के बाद 42 में से 34 के साथ बलात्कार का खुलासा हुआ.
नई दिल्ली: दिल्ली की एक कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई को निर्देश दिया कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में वह दो दिन के भीतर विशेष लोक अभियोजक (पब्लिक प्रॉसिक्यूटर) की नियुक्ति करे. अतिरिक्त सत्र जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने मामले की सुनवाई 27 फरवरी को करनी तय की. सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को आदेश दिया था कि मुजफ्फरनगर शेल्टर होम केस मामले की सुनवाई बिहार की विशेष पॉक्सो अदालत से साकेत जिला अदालत में ट्रांसफर की जाए. निचली अदालत मामले की सुनवाई छह महीने के भीतर पूरी करेगी.
मुजफ्फरपुर रेप कांड क्या है ?
पूरा मामला मुजफ्फरपुर के बालिका गृह रेप कांड का है. सेवा संकल्प एवं विकास समिति नाम के एनजीओ में 34 लड़कियों के साथ बलात्कार की घटना हुई थी. ये मामला मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट से सामने आया था. बच्चियों की मेडिकल रिपोर्ट सामने आने के बाद 42 में से 34 के साथ बलात्कार का खुलासा हुआ. इस केस में 31 मई 2018 को ब्रजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ और फिर 30 जुलाई 2018 को बिहार सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी. 8 अगस्त को समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा से इस्तीफा ले लिया गया. आरोप लग रहे थे कि मंजू वर्मा के पति इस बालिका गृह में आया जाया करते थे.
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