पटना: बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को झटका लगा है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित ने आर्म्स एक्ट मामले में जेल में बंद मंजू वर्मा की जमानत आवेदन को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजकुमार महतो ने जमानत का पुरजोर विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि आरोपित के घर से जिंदा कारतूस बरामदगी पुलिस द्वारा की गई है.
राज कुमार महतो ने कोर्ट को बताया कि पूर्व मंत्री मंजू वर्मा का अग्रिम जमानत जिला जज और पटना हाई कोर्ट की तरफ शे पहले खारिज की जा चुकी है और अनुसंधानकर्ता आरोपित के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. अभियोजन स्वीकृति भी ले ली है.
मंजू वर्मा की ओर से अधिवक्ता प्रभाकर वर्मा एवं शाह इज्जुर रहमान ने न्यायालय में पक्ष रखते हुए बताया कि पूर्व मंत्री जेल जाने के बाद से काफी बीमार चल रही हैं और कई बार जेल से अस्पताल इलाज के लिए लाया गया है. आगे बताया कि जिस मकान से कारतूस की बरामदगी पुलिस द्वारा की गई है वह मंजू वर्मा के हिस्से का मकान नहीं है बल्कि 50 परिवारों का संयुक्त संपत्ति है जिसमें कोई भी आ-जा सकता है.
न्यायालय ने बचाव पक्ष की दलील को खारिज करते हुए मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया. बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में जांच कर रही सीबीआई द्वारा अनुसंधान के क्रम में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के घर पर छापामारी की थी और 50 जिंदा कारतूस बरामद किए थे. इस पर चेरिया बरियारपुर पुलिस की तरफ से पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उसके पति चंद्रशेखर वर्मा के विरुद्ध आर्म्स एक्ट के तहत चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 143 /18 दर्ज की गई.
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