नई दिल्ली: बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार सरकार को जमकर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश भी दिया. कोर्ट ने कहा कि साकेत की विशेष POCSO कोर्ट को छह महीने में मामला निपटाए. अब इसको लेकर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. लालू यादव ने भोजपुरी में ट्वीट करते हुए लिखा, ''का हो नीतीश? कुछ शर्म बचल बा कि नाहीं.''



सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बिहार में आश्रय गृह मामलों की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारी एके शर्मा का तबादला किये जाने पर कड़ा रूख अपनाया. सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को व्यक्तिगत रूप से 12 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया.


चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों के उल्लंघन को गंभीरता से लिया. कोर्ट की अनुमति के बगैर ही जांच ब्यूरो के संयुक्त निदेशक शर्मा का तबादला सीआरपीएफ में किये जाने के मामले में नागरेश्वर राव को अवमानना नोटिस जारी किया. बेंच ने सीबीआई के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को उन अधिकारियों के नाम बताने का निर्देश दिया जो एके शर्मा का तबादला जांच एजेन्सी से बाहर करने की प्रक्रिया का हिस्सा थे.


सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेश का जिक्र किया जिसमें सीबीआई से कहा गया था कि एके शर्मा को बिहार आश्रयगृह मामलों की जांच के दल से हटाया नहीं जाए. बेंच ने नागेश्वर राव के साथ ही जांच ब्यूरो के उन अधिकारियों को भी 12 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है जो शर्मा के तबादले की प्रक्रिया का हिस्सा थे. इसके अलावा, बेंच ने सीबीआई के प्रभारी अभियोजन निदेशक एसभासु राम को भी उसके आदेश के उल्लंघन के लिये कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.


गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे शेल्टर होम में कई लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न का मामला समने आया था. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट के बाद यह मामला सामने आया था.