पटना: मुजफ्फरपुर शेल्टर हाऊस रेप मामले को लेकर नीतीश कुमार की सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इस मामले पर समाज कल्याण विभाग मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग की. इसपर मंजू वर्मा ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि हम कुशवाहा समाज के लोग हैं और ये कुकृत्य यादव समाज और आरजेडी के लोग करते हैं. उन्होंने कहा कि वे इस्तीफा नहीं देंगी. जाति कार्ड खेलते हुए उन्होंने कहा कि मैं कुशवाहा समाज से हूं इसलिए मुझे टारगेट किया जा रहा है.


फरवरी 2016 में पहली और आखिरी बार मंजू वर्मा जब शेल्टर हाऊस में गई थीं तो उनसे कुछ बच्चियों ने जबरन खाना बनवाने और गंदे कपड़े पहनने की मजबूरी जैसी कुछ शिकायतें की थीं. इन शिकायतों पर उन्होंने क्या कार्रवाई की ये सवाल जब पत्रकारों ने उनसे पूछा तो मंत्री मंजू वर्मा के पास कोई जवाब नहीं था. पत्रकारों के कई बार मांगने के बाद भी वो कार्रवाई के कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाईं.


मंत्री ने कहा, ''आज सदन में राबड़ी देवी ने मेरे लिए अपशब्द का प्रयोग करते हुए आरोप लगाया है. उनके तो पूरे परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. क्या उन्होंने अपना पद छोड़ दिया, फिर किस वो हक से मेरा इस्तीफ़ा मांग रही हैं. जिस दिन मेरे पति पर लगा हुआ आरोप सिद्ध हो जाएगा, मैं सार्वजनिक जीवन से इस्तीफ़ा दे दूंगी.''


दरअसल इस मामले में गिरफ्तार सीपीओ रवि रौशन की पत्नी शिभा कुमारी सिंह ने आरोप लगाया था कि मंजू वर्मा के पति अधिकारियों के साथ शेल्टर होम में आया करते थे. अधिकारियों को नीचे बैठाकर खुद अकेले जाया करते थे और ये बात खुद उनके पति ने उन्हें बताई.


मंजू वर्मा ने कहा, ''फरवरी 2016 में जब मैं शेल्टर होम गई थी तो किसी भी बच्ची ने यौन प्रताड़ना की शिकायत नहीं थी और वैसे भी जब हम खाना खाते हैं तो चार दाना ज़मीन पर गिर ही जाता है. अगर कुछ जगहों से ऐसी शिकायत आई भी है तो बाकी जगहों पर बहुत सही से काम हो रहा है.''