एक्सप्लोरर

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: SC ने आठ लड़कियों को उनके परिवार को सौंपने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के 'कोशिश' नाम की रिपोर्ट को देखने के बाद ये अनुमति दी. बेंच ने इन आठ लड़कियों को सभी जरुरी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का राज्य सरकार को निर्देश दिया.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की 44 लड़कियों में से आठ लड़कियों को सभी आवश्यक औपचारिकतायें पूरी करने के बाद उनके परिवारों को सौंपने की अनुमति दे दी. जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस एमएम शांतानागौडार और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने इन आठ लड़कियां को सभी आवश्यक वित्तीय और मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने का राज्य सरकार को निर्देश भी दिया.

बेंच ने राज्य सरकार को इस तरह की पीड़ितों को योजना के तहत देय क्षतिपूर्ति का आकलन करने और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया. बेंच ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) को शेष लड़कियों के मामले में स्थिति रिपोर्ट तैयार करके आठ सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने टिस्स की कार्य परियोजना ‘कोशिश’ की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद यह आदेश दिया. ‘कोशिश’ की सीलबंद लिफाफे में पेश की गयी इस रिपोर्ट में कहा गया था कि आठ लड़कियों को उनके परिवारों को सौंपा जा सकता है. ये लड़कियां पूरी तरह फिट हैं.

बता दें कि मुजफ्फरपुर में एनजीओ की तरफ से संचालित इस शेल्टर होम में अनेक लड़कियों का कथित रूप से यौन शोषण हुआ था. टिस्स की एक रिपोर्ट के बाद इस शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के यौन शोषण की गतिविधयां सामने आयी थीं.

कोर्ट इस मामले में बिहार सरकार के एक आवेदन पर विचार कर रहा था. इसमें राज्य सरकार ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की 44 लड़कियों के पुनर्वास और उन्हें उनके परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति मांगी थी. ये लड़कियां इस समय अलग अलग शेल्टर होम में रह रही हैं.

बिहार सरकार की ओर से पेश वकील ने इससे पहले कोर्ट से कहा था कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के बच्चों को अलग अलग बच्चों की देखभाल करने वाली संस्थाओं में रखा गया है. इनमें से कुछ लड़कियों के व्यवहार में आक्रामकता नजर आने लगी है और वे खुद को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास कर रही हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने जून महीने में सीबीआई को इस मामले की जांच पूरी करने के लिये तीन महीने का वक्त दिया था. जांच ब्यूरो को इस दौरान संदिग्ध हत्या के मामलों की भी जांच पूरी करनी थी. कोर्ट ने जांच ब्यूरो को अपनी जांच का दायरा बढ़ाने और इस अपराध में ‘बाहरी लोगों’ के शामिल होने की जांच का पता लगाने का भी निर्देश दिया था. यही नहीं, कोर्ट ने इस मामले में अप्राकृतिक यौनाचार के आरोपों की भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत जांच करने के लिये भी कहा था.

इस मामले में सीबीआई ने शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों का कथित यौन शोषण और उनसे शारीरिक हिंसा के आरोपों में 21 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. इन सभी पर दिल्ली की कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस साल फरवरी में इस मामले को बिहार से दिल्ली में साकेत अदालत परिसर में स्थित बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण कानून (पोक्सो) के तहत मुकदमों की सुनवाई करने वाली अदालत में स्थानांतरण कर दिया था.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

दिल्ली-नोएडा DND फ्लाईवे पर टोल वसूली को सुप्रीम कोर्ट की No, इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला बरकरार
दिल्ली-नोएडा DND फ्लाईवे पर टोल वसूली को सुप्रीम कोर्ट की No, इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला बरकरार
ASI की चार सदस्यीय टीम आज पहुंचेगी संभल, कार्तिकेय मंदिर और कुंए की होगी कॉर्बन डेटिंग
ASI की चार सदस्यीय टीम आज पहुंचेगी संभल, कार्तिकेय मंदिर और कुंए की होगी कॉर्बन डेटिंग
Nikita Singhania: बीटेक के बाद एमबीए, बन गई थीं AI इंजीनियर, कितनी थी निकिता सिंघानिया की सैलरी?
बीटेक के बाद एमबीए, बन गई थीं AI इंजीनियर, कितनी थी निकिता सिंघानिया की सैलरी?
PDF समझकर शादी का कार्ड समझे थे क्या? आपका अकाउंट खाली करने वाला स्कैम है ये
PDF समझकर शादी का कार्ड समझे थे क्या? आपका अकाउंट खाली करने वाला स्कैम है ये
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Parliament Session: लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नारेबाजी, विपक्ष ने किया जमकर हंगामाParliament Clash: इस वजह से विपक्ष के मार्च में नहीं शामिल होंगे Rahul Gandhi | Breaking NewsParliament Clash: संसद में हंगामे और धक्का-मुक्की कांड को लेकर राहुल गांधी पर बरसे अनुराग ठाकुरParliament Clash: आंबेडकर के मुद्दे पर एक तरफ कांग्रेस का प्रदर्शन, दूसरी तरफ बीजेपी का हल्ला बोल

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
दिल्ली-नोएडा DND फ्लाईवे पर टोल वसूली को सुप्रीम कोर्ट की No, इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला बरकरार
दिल्ली-नोएडा DND फ्लाईवे पर टोल वसूली को सुप्रीम कोर्ट की No, इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला बरकरार
ASI की चार सदस्यीय टीम आज पहुंचेगी संभल, कार्तिकेय मंदिर और कुंए की होगी कॉर्बन डेटिंग
ASI की चार सदस्यीय टीम आज पहुंचेगी संभल, कार्तिकेय मंदिर और कुंए की होगी कॉर्बन डेटिंग
Nikita Singhania: बीटेक के बाद एमबीए, बन गई थीं AI इंजीनियर, कितनी थी निकिता सिंघानिया की सैलरी?
बीटेक के बाद एमबीए, बन गई थीं AI इंजीनियर, कितनी थी निकिता सिंघानिया की सैलरी?
PDF समझकर शादी का कार्ड समझे थे क्या? आपका अकाउंट खाली करने वाला स्कैम है ये
PDF समझकर शादी का कार्ड समझे थे क्या? आपका अकाउंट खाली करने वाला स्कैम है ये
Instant personal loan apps: इंस्टेंट पर्सनल लोन ऐप से जरा संभलकर, खा सकते हैं धोखा, हो सकते हैं कंगाल!
इंस्टेंट पर्सनल लोन ऐप से जरा संभलकर, खा सकते हैं धोखा, हो सकते हैं कंगाल!
IND vs AUS: बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारत का कैसा रहा है रिकॉर्ड? ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला
बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारत का कैसा रहा है रिकॉर्ड? ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला
सालों के फिल्मी करियर के बाद भी इंटीमेट सीन्स करने में झिझकते हैं मनोज बाजपेयी, बोले- 'मैं बचपन से शर्मिला हूं'
इंटीमेट सीन्स करने में क्यों झिझकते हैं मनोज बाजपेयी? खुद किया खुलासा
CBSE ने किया कई स्कूलों का सरप्राइज इंस्पेक्शन, जानें क्या था मकसद
CBSE ने किया कई स्कूलों का सरप्राइज इंस्पेक्शन, जानें क्या था मकसद
Embed widget