(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मुज़्ज़फ़रपुर कांड: घटना का ब्यौरा वीभत्स, किसी और राज्य की जेल में रखा जाए बृजेश सिंह- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस में मुख्य आरोपी बृजेश सिंह से पूछा है कि उसे किसी और जेल में क्यों नहीं भेजा जाए. कोर्ट ने घटना के ब्यौरे को बीभत्स करार देते हुए मुख्य आरोपी बृजेश को राज्य से बाहर किसी जेल में भेजे जाने की बात कही है.
नई दिल्ली: देश को हिलाकर रख देने वाले बिहार के मुज़्ज़फ़रपुर बालिका गृह कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने कई बड़ी बातें कही हैं. कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि आखिर अवैध तौर पर इमारत का निर्माण कैसे हुआ और ये बालिका गृह कैसे चल रहा था? वहीं, कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस में मुख्य आरोपी बृजेश सिंह से पूछा है कि उसे किसी और जेल में क्यों नहीं भेजा जाए? कोर्ट ने घटना की ब्यौरे को वीभत्स करार देते हुए मुख्य आरोपी बृजेश को राज्य से बाहर किसी जेल में भेजे जानी की बात कही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो तथ्य सामने आए हैं वो भयावह हैं, शर्मनाक हैं. कोर्ट ने ये भी कहा कि चन्द्रशेखर वर्मा की पत्नी मंजू वर्मा तो मंत्री थीं. इस पर वकील ने कहा कि इस मामले में चंद्रशेखर को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया, वो भी काफी प्रभावशाली है और उसके पास से हथियार भी बरामद हुआ था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो कहां हैं इस बारे में सीबीआई बताए.
मामले में वकील ने कहा कि जब शेल्टर होम की बच्चियां चिल्लाती थीं तो समाज का कोई शख्स सामने नहीं आता था और इससे पता चलता है कि आपोपी बृजेश ठाकुर जैसे लोग कितने प्रभावशाली लोग थे. वहीं, वकील ने ही कोर्ट को ये जानकारी दी कि वो इमारत जहां ये शेल्टर होम चल रहा था वो अवैध रूप से बना हुआ था और उसके हालात बहुत खराब थे. जिस पर कोर्ट ने अचरज जताते हुए सवाल किया कि फिर भी इसे गिराया नहीं गया?
सीबीआई ने कोर्ट को जानकारी दी है कि वो इस मामले में जल्द चार्जशीट दायर करने वाले हैं. मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होने वाली है. आपको बता दें कि मुज़्ज़फ़रपुर बालिका गृह कांड में जब 30 से ज़्यादा बच्चियों के कई दिनों तक रेप साथ हुए की जानकारी सामने आई थी तो पूरा देश हिलकर रह गया था.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की रिपोर्ट में जब ये बात पहली बार सामने आई तब पता चला की जिनके साथ ये जघन्य अपराध हुआ है उनमें कई नाबालिग भी शामिल हैं. टिस ने अपने ये रिपोर्ट राज्य के समाज कल्याण मंत्रालय को सौंपी थी जिसकी मंत्री मंजू वर्मा को बाद में मामले में इस्तीफा देना पड़ा.
ये भी देखें
मास्टर स्ट्रोक फुल एपिसोड