पटना: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में संलिप्त होने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने विपक्ष की मामले में CBI से जांच की मांग को खारिज करने पर भी सवाल किया.


तेजस्वी यादव ने कहा, ''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड में स्पष्ट और सीधे रूप से संलिप्त है, क्योंकि इन्होंने TISS की रिपोर्ट आने के दो महीनों तक ब्रजेश ठाकुर पर FIR नहीं होने दी. जेल नहीं भेजा. दबाव में भेजा तो जेल में मोबाइल समेत तमाम सुविधाएं प्रदान की. बच्चियों को ग़ायब किया गया.''


CBI से जांच की मांग पर बोलते हुए तेजस्वी ने कहा, ''मामला उजागर होने पर नीतीश जी ने एकदम सिरे से हमारी CBI जाँच की माँग को ख़ारिज किया? उन्हें CBI जांच का डर क्यों था? जब हमने मुजफ्फरपुर बालिका गृह का दौरा कर वहाँ बच्चियों के साथ किए गए डरावने और अमानवीय कृत्यों को पब्लिक डोमेन में रखा तब जाकर दबाव मे केस CBI को जांच सौंपी.''


तेजस्वी ने नीतीश पर मामले में आरोप पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को बचाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, ''नीतीश जी तो छाती पीट तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को निर्दोष बता रहे थे परंतु जब कांड का कच्चा चिट्ठा खुला एवं मीडिया में ब्रजेश ठाकुर की सीडीआर डिटेल्स में मिलीभगत का पर्दाफ़ाश होने और विपक्ष व जनदबाव के कारण मंजू वर्मा का इस्तीफ़ा लेना पड़ा. CM उसे क्यों बचा रहे थे?''


ब्रजेश ठाकुर की डायरी का किया जिक्र


तेजस्वी यादव ने आगे कहा, ''मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर से जेल में चर्चित डायरी बरामद हुई थी जिसमें 'पटना वाले बड़े सर' का ज़िक्र था? क्या CBI ने खोज लिया था वह 'पटना वाला बड़ा सर' कौन है? क्या CBI जांच की आंच उस 'बड़े सर' के पास पहुंच गयी थी जिसके चलते आनन-फ़ानन में CBI अधिकारी का तबादला किया गया था?''


तेजस्वी यादव ने CBI अधिकारी के तबादले पर नीतीश कुमार पर कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाने का आरोप भी लगाया. तेजस्वी ने कहा, ''मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड में CBI अधिकारी का तबादला नहीं करने के कोर्ट के आदेश के विपरीत जाकर, कोर्ट की अवमानना कर CBI निदेशक ने तत्कालीन अनुसंधानकर्ता एसपी का बिना कारण बताए अचानक तबादला क्या इसलिए किया गया था ताकि वो 'पटना वाले बड़े साहब' को बचा सके? ऐसा क्यों किया गया?''


गौरतलब है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पॉक्सो) की धाराओं के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करने वाली एक कोर्ट ने पिछले हफ्ते मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के एक आरोपी की अर्जी में उठाए गए बिंदुओं की छानबीन के लिए मामले को सीबीआई के पास भेज दिया था. इस अर्जी में 2013 से 2018 के दौरान शेल्टर होम्स को राशि आवंटित किए जाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और समाज कल्याण विभाग के कई शीर्ष नौकरशाहों की भूमिका की जांच की मांग की गई थी. मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में 30 से अधिक लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आया था. इस कांड की जांच अब सीबीआई कर रही है.


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