कानपुर: यूपी के कानपुर में भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विरोधी दलों पर करारा हमला बोला. इस दौरान पीएम ने नोटबंदी से लेकर चुनाव आयोग के सुझाव पर अपनी बात रखी. जानें पीएम मोदी की कानपुर रैली की 10 बड़ी बातें...



1- बेईमानों को बचाने का प्रयास कर रहा है विपक्ष: मोदी


नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष पर करारा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल संसद में कामकाज नहीं चलने दे रहे हैं और बेईमानों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष भ्रष्टाचार और कालाधन के मुद्दे पर चर्चा से एक महीने तक भागता रहा.


बीजेपी की परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक लोग और नेता एटीएम की कतार में खड़े लोगों को उकसाने का काम कर रहे हैं लेकिन उनकी मंशा को सफल नहीं होने दिया जायेगा क्योंकि आम लोग संयम के साथ हैं और समझ रहे हैं कि देश का बहुत बड़ा हित दांव पर लगा हुआ है.



मोदी ने कहा कि पहले भी संसद में कामकाज बाधित होता था लेकिन तब विपक्ष भ्रष्टाचार और घोटालों को उजागर करना चाहता था. लेकिन इस दफा पहली बार संसद को बाधित किया गया क्योंकि विपक्ष बेईमानों का बचाव करना चाहता है और इसलिए चर्चा से भाग रहा है.


2- मोदी ने देश के पहले भारतीय कौशल संस्थान का किया उद्घाटन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां देश के पहले भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) की आधारशिला रखी. प्रधानमंत्री मोदी ने आईआईएस की संकल्पना सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की यात्रा के दौरान की थी.


संस्थान की स्थापना सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की साझेदारी में कौशल विकास मंत्रालय ने किया. मंत्रालय ने इस तरह के छह संस्थान बनाने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए कौशल प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया.



3- देश को भ्रष्टाचार और कालाधन मुक्त बनाने की लड़ाई


प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमारा एजेंडा देश को भ्रष्टाचार और कालाधन मुक्त बनाने की लड़ाई लड़ना है. लेकिन उनका (विपक्ष) एजेंडा संसद में कामकाज बाधित करना है.. मैं उलझन में हूं. ’’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके नेता हमेशा यह दावा करते रहे हैं कि दिवंगत राजीव गांधी आम लोगों तक कम्प्यूटर और मोबाइल फोल लाये.


उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन जब मैं कहता हूं कि फोन का उपयोग बैंक के रूप में कर सकते हैं, तब वे कहते हैं कि गरीबों के पास मोबाइल फोन नहीं है.. वे कहते हैं कि लोगों के पास बैंक खाता नहीं है. अब वे दावा कर रहे हैं कि गरीब बैंकों तक जाते हैं लेकिन पैसा नहीं मिल रहा है.. वे झूठ फैला रहे हैं.’’ मोदी ने कहा कि कांग्रेस लोगों के प्रति जवाबदेह बनने से भाग रही है और इस संदर्भ में कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष सीताराम केसरी के जुमले को याद दिलाया कि ‘न खाता, न बही, जो केसरी कहे सब सही.’’


4- 'भ्रष्टों को बचाने' के लिए चर्चा से भागा विपक्ष: मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीत सत्र के नहीं चल पाने का ठीकरा सोमवार को विपक्षी दलों पर फोड़ा. उन्होंने कहा कि 'भ्रष्टों को बचाने' के लिए उन्होंने संसद की कार्यवाही में अवरोध उत्पन्न किया और नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दी. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मोदी ने एक रैली में कहा, "उन्होंने (विपक्ष) संसद नहीं चलने दी, क्योंकि वे नोटबंदी पर चर्चा के लिए तैयार नहीं थे."


उल्लेखनीय है कि 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने के सरकार के आठ नवंबर के फैसले को लेकर संसद का पूरा शीत सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. केंद्र सरकार ने कालेधन, भ्रष्टाचार और आतंकवादियों के वित्त पोषण पर अंकुश लगाने का हवाला देते हुए नोटबंदी की घोषणा की थी.


मोदी ने कहा, "यहां तक कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी उनसे (विपक्ष) संसद में बाधा नहीं डालने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने उनकी भी सलाह नहीं सुनी. उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि वे नोटबंदी पर चर्चा से भाग रहे थे."


विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, "यहां तक कि उन्होंने संसद की कार्यवाही में अड़चन डालने के लिए लोकसभा अध्यक्ष पर कागज के टुकड़े भी फेंके." प्रधानमंत्री ने कहा, "उन्होंने यह सब भ्रष्टों को बचाने के लिए किया, जबकि सरकार ऐसे लोगों को पकड़ने में जुटी है."



5- चुनाव आयोग राजनीतिक दलों पर पारदर्शिता के लिए दबाव डाले: मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह राजनीतिक दलों पर चंदे के मामले में पारदर्शिता को लेकर दबाव बनाए. यहां एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने हाल में समाप्त हुए संसद सत्र में विपक्ष के सदस्यों से चंदे और लोकसभा तथा विधानसभा का चुनाव साथ-साथ कराने के मुद्दे पर बहस करने को कहा.


मोदी ने कहा, "मैं सभी नेताओं से आग्रह करता हूं कि देश ईमानदारी की उम्मीद करता है. राजनीतिक दलों के खिलाफ अविश्वास है. इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि लोगों को हम अपनी ईमानदारी पर भरोसा दिलाएं." मोदी ने कहा, "मैंने कहा कि इस पर चर्चा करें कि राजनीतिक दलों को किस तरह से चंदा लेना चाहिए."


मोदी ने कहा, "मैं चुनाव आयोग से आग्रह करता हूं कि इसे आगे बढ़ाएं, दलों पर दबाव डालें..हमारी सरकार देश के हित में जो भी फैसला लिया जाएगा, उसे लागू करेगी." प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा है कि उनकी सरकार ने राजनीतिक दलों के चंदे से जुड़े कानून में कोई बदलाव नहीं किया है.



6- देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ साथ कराने की प्रधानमंत्री मोदी ने की वकालत


देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को पांच साल में एक बार साथ साथ कराने की वकालत करते हुये प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ऐसा होने से चुनाव के समय होने वाले तनाव में तो कमी आएगी ही साथ ही देश में कालेधन के इस्तेमाल के अवसर भी कम होंगे. इसी तरह हम इस लोकसभा सत्र में इस बात पर भी चर्चा करना चाहते थे कि राजनीतिक पार्टियों को चंदा कैसे मिलना चाहिये लेकिन विपक्षी पार्टियों ने संसद चलने नहीं दी.



7- देश के उज्जवल भविष्य के लिये जनता ने बहुत कष्ट झेला


नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि हमने वायदा किया था कि पचास दिनों में जनता की परेशानियां कम हो जायेंगी, आज हम आपको दोबारा फिर विश्वास दिलाना चाहते है कि अब परेशानियां कम होने की शुरूआत हो रही है. देश के उज्जवल भविष्य के लिये जनता ने बहुत कष्ट झेला है लेकिन वह अपने स्वार्थ के लिये नहीं झेला बल्कि देश की भलाई के लिये झेला है और जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि उसे निराश नहीं होना पड़ेगा.


उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में परिवर्तन की लहर नही आंधी चल रही है और ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश का हर नागरिक परिवर्तन का संकल्प पूर्ण करने को लेकर जी जान से जुट गया है.


8- गुंडागर्दी से तंग आ चुके हैं यूपी के लोग


पीएम ने कहा, यूपी के लोग गुंडागर्दी से तंग आ चुके हैं हर कोई गुंडागर्दी कर रहा है. सरकार में बैठे लोग गुंडागर्दी करने वालो को शै दे रहे हैं. मकान छीन लिया जाए जमीन छीन ली जाए. आम आदमी जाएगा कहां. जब तक उत्तर प्रदेश में सरकार नही बदलोगे इस पर लगाम नही लगेगी.