नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल का उच्चस्थलीय प्रतिष्ठित चिड़ियाघर तीन महीने के बाद पर्यटकों के लिए एक बार फिर से खोल दिया गया है. कोरोना के खतरे के चलते पिछले तीन महीनों से नैनीताल चिड़ियाघर बंद था. इन तीन महीने चिड़ियाघर प्रशासन की कोई आय नहीं हुई, लेकिन इस चलाने में लगभग 45 लाख रुपये का खर्च जरूर हुआ है.


नैनीताल की पूर्वी पहाड़ी पर बने उच्चस्थलीय प्राणी उद्यान को देखने के लिए देश-दुनिया से लोग आते हैं. बच्चों का खासा पसंदीदा चिड़ियाघर पर्यटकों की बड़ी संख्या में आने के कारण आर्थिक रूप से सुदृढ़ रहता था, लेकिन पिछले तीन महीनों से चिड़ियाघर बंद था. पर्यटकों के न आने के कारण  चिड़ियाघर को नुकसान झेलना पड़ा है.



अनलॉक शुरू होने के बाद वन विभाग ने शुक्रवार को चिड़ियाघर, वॉटर फॉल और बोटेनिकल गार्डन को खोल दिया है. वन विभाग ने पर्यटकों को सैनेटाइज, थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन करने के लिए स्टाफ को तैयार किया है.


चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया कि पर्यटकों की आवाजादी न होने के कारण चिड़ियाघर की आय ठप हो गई, लेकिन संचालन के लिए हर महीने 15 लाख रुपये का खर्च होता है. पिछले तीन महीने में लगभग 45 लाख रुपये का खर्च हुआ है. हालांकि, उन्हें शासन से मदद मिली है और अब उनकी आस पर्यटकों पर टिकी हुई है.


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